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वर्ष समीक्षा 2016: एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त करने के लिए एमएसएमई मंत्रालय की महत्वपूर्ण योजनायें

नेशनल एमएसएमई अवार्ड्स में प्रधानमंत्री ने किया स्कीमों का शुभारंभ: पहली बार प्रधानमंत्री ने लुधियाना में आयोजित नेशनल एमएसएमई अवार्ड्स में एमएसएमई मंत्रालय की नई योजनाओं का शुभारंभ किया। एमएसएमई एवं खादी और कयर क्षेत्र में उद्यमियों को प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया गया।

उद्योग आधार ज्ञापन (UAM): व्यापार को आसान बनाने के उद्देश्य से, एमएसएमई उद्यमों के पंजीकरण को एक पृष्ठ के ऑनलाइन पंजीकरण पद्धति शुरू करने से सरल बनाया गया है। उद्योग आधार ज्ञापन को 18.09.2015 को शुरू किया गया और 22 लाख से अधिक उद्योग आधार ज्ञापन पंजीकृत हुए हैं। UAM अब राज्य सरकारों और एमएसएमई संघों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद संशोधित किया जा रहा है।

भारतीय उद्यमविकास सेवा (आईईडीएस): प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई)  के तहत विकास  आयुक्त कार्यालय (एमएसएमई)  में भारतीय उद्यम  विकास सेवा (आईईडीएस) के नाम से कैडर की  समीक्षा और नवीन सेवा  के गठन को अपनी  अनुमति प्रदान कर दी है।

नये कैडर के निर्माणऔर संरचना में परिवर्तन से न केवल संगठन सुदृढ़ होगा बल्कि यह ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘स्टैंडअप इंडिया’ और‘मेक इन इंडिया’ के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सहायक भी होगा।

नये कैडर के निर्माण और संरचना में परिवर्तन से न केवल संगठन सुदृढ़ होगा बल्कि यह ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘स्टैंडअप इंडिया’ और‘मेक इन इंडिया’ के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सहायक भी होगा।

वित्त सुविधा केंद्र: एमएसएमई उद्यमों को ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) ने लुधियाना, जालंधर, गुवाहाटी, बेंगलूर, हैदराबाद, चेन्नई और जयपुर में 7 वित्त सुविधा केंद्र पहले से ही स्थापित किये है। बैंकों से ऋण लेने के लिए आवेदक इस वित्त सुविधा की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

प्रगति मैदान नई दिल्ली में एमएसएमई एक्‍सपो-2016 का उद्घाटन :एमएसएमई एक्‍सपो-2016 का  आयोजन एमएसएमई मंत्रालय द्वारा 36वें भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले में ‍कि‍या गया। व्‍यापार  मेले  के  दौरान  80 से अधिक उद्यमों ने अपने उत्‍पादों का प्रदर्शन किया। इस मेले की थीम गुणवत्ता विनिर्माण  और एमएसएमई का समग्र विकास थी, जिसमें जीरो डिफेक्‍ट, जीरो इफेक्‍ट प्रमाणन योजना, एससी/एसटी केन्‍द्र और राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार भी शामिल हैं।

38 सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने एमएसएमई से 20 फीसदी सार्वजनिक खरीद का लक्ष्‍य प्राप्‍त किया: हाल ही में समाप्त वित्त वर्ष में कुल 38 सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने एमएसएमई से 20 प्रतिशत सार्वजनिक खरीद  का लक्ष्य प्राप्त किया है। मंत्रालय ने 10 मार्च 2016 को एक सर्क्युलर भी जारी किया था जो ऐसे केंद्रीय उद्यमों  के लिये पूर्व अनुभव एवं पूर्व विक्रय राशि सम्बंधी नियमों में ढील देता था जो नियत तकनीकी एवं गुणवत्ता  संबंधी विनिर्देशों  के अनुसार सामान की आपूर्ति कर सकते हैं।

लुधियाना में 8 अक्‍टूबर 2016 से राष्‍ट्रीय एससी/एसटी हब का शुभारंभ: मंत्रालय ने एससी-एसटी हब के लिये वर्ष 2016-2020 हेतु 490 करोड़  रुपये का  आवंटन  किया है।

हब शुरू में बाजार पहुंच/ कड़ी को मजबूत,  निगरानी, क्षमता निर्माण,  वित्‍तीय सहायता  योजनाओं को  लाभ देने और उद्योगकी सर्वश्रेष्‍ठ पद्धति आदि को साझा करने में मदद देगा।इसकी  मदद  के  लिये  विशेष  तौर  पर बनाये गए प्रकोष्‍ठकी मदद से यह दिल्ली में राष्‍ट्रीय लघु उद्योग कॉर्पोरेशन (एनएसआईसी)  के मुख्‍यालय  से कार्य करेगा।

एमएसएमई खरीद नीति की समीक्षा की गई: केंद्र सरकार के सभी विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू) की सार्वजनिक खरीद नीति की समीक्षा की है। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय  में इसकी समीक्षा  की गई। इसमें यह पाया गया कि एमएसएमई खरीद की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से भी कम है, जबकि इसका 20 प्रतिशत होना अनिवार्य है। इसके अलावा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमिता हिस्सेदारी 4 प्रतिशत के अनिवार्य स्तर के मुकाबले 0.2 प्रतिशत से भी कम है। केंद्र के शीर्ष  50 सार्वजनिक  क्षेत्र  के उपक्रमों  की पहचान करने और मंत्रियों के स्तर पर एक बैठक आयोजित करनेका निर्देश दिया।

भारत को विशेष रूप से बायोफार्मिंग प्रौद्योगिकी प्रदान करेगा: सूक्ष्म,  लघु  एवं मध्यम उद्यम वर्ग के विभिन्न क्षेत्रों में भारत और  मॉरिशस के बीच सहयोग  संबंधी  पहली संयुक्त समिति की बैठक 21 जनवरी, 2016 को सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई।

सहयोग के सम्भावित क्षेत्रों की पहचान की गई। यह क्षेत्र दोनों देशों के बीच 13 दिसम्बर, 2015  को  हुए  समझौते के अनुरूप हैं। सहयोग के जिन मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें प्रशिक्षकों के  प्रशिक्षण  के जरिए क्षमता  निर्माण, आवश्यक  क्षेत्रों का सर्वेक्षण, प्रबंधकीय और तकनीकी कौशल, विपणन, प्रदर्शनियां एवं व्यापार मेलों का आयोजन,  व्यापार गतिऔर विधियों  का आदान-प्रदान शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एमएसएमई प्रौद्योगिकी केन्‍द्र की आधारशिला: यह तकनीकी केंद्र देशभर में मंत्रालय द्वारा स्थापित किये जा रहे 15 तकनीकी केंद्रों में से एक है। यह केंद्र इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स सिस्‍टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) और ऑटोमोटिव  इलैक्‍ट्रॉनिक्‍स  क्षेत्र विशेषकर सूक्ष्म,  लघु एवं  मध्यम उद्यमों  को उनकी तकनीकी  आवश्यकताओं  एवं  श्रम शक्ति  की ज़रूरतों के  आधार पर सहायता देगा। विश्व बैंक की 200 अमेरिकी डॉलर की सहायता समेत इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन की अनुमानित लागत 2,200 करोड़ होगी। ग्रेटर नोएडा में इस  तकनीकी केंद्र के लिये भारत सरकार  सिविल एवं इससे  सम्बंधित अवसंरचना में प्लांट एवं मशीनरी हेतु 145 करोड़ का निवेश करेगी।

एमएसएमई डेटाबैंक: एमएसएमई मंत्रालय ने अपने राष्ट्रीय बोर्ड की चौदहवीं बैठक के दौरान दो नयी शुरुआतों का शुभारंभ किया है- एमएसएमई डेटाबैंक पोर्टल एवं ऑनलाइन वित्त-सुगमता वेब पोर्टल। एमएसएमई मंत्रालय ने एक विस्तृत  डाटाबैंक का शुभारंभ  कर देश में पहली बार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों की ऑनलाइन गणना को  अनिवार्य  बनाया है। इससे न सिर्फ  मानव आधारित गणना में लगने वाले प्रयासों एवं धन की बचत होगी बल्कि यह विभिन्न एमएसएमई  ईकाईयों एवं  संगठनों  को अपनी  ईकाईयों  में बैठे-बैठे ही  मात्र एक  बटन की क्लिक पर डेटा दाखिल करने का अवसर भी प्रदान करेगा।

आईआईएफटी दिल्ली में ऊष्मायन (इन्क्यूबैशन) सेल का उद्घाटन: यह सेल युवा उद्यमियों को एक ही जगह विशेषज्ञ सलाह और तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्‍ध कराने में सक्षम होगी। इस सेल को  मौजूदा  घरेलू  कारोबार का विदेशी बाजारों तक विस्तार करने के लिए आवश्‍यक सहायता के साथ निर्यात शुरूआत उपलब्‍ध कराने के लिए डिजाइन किया गया है।

इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा पर विशाल चरखे का: राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर दुनिया के सबसे बड़े चरखे का लोकार्पण किया गया। देश के व्‍यस्‍तम  हवाई  अड्डे  पर विश्‍व के सबसे बड़े चरखे के प्रदर्शन के  पीछे राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के दिखाए समतावादी समाज को बढ़ावा  देने के  भारत  के  प्रयासों पर प्रकाश डालना था।

यह 9 फीट चौड़ा, 17 फीट ऊंचा और 30 फीट लंबा है। यह अहमदाबाद के उच्‍च  दक्ष  42  काष्ठकर्मियों के एक दल द्वारा  बनाया गया है।