“डिजिटल विलेज” योजना को देशभर के 120 गांवो के लिए संचालित किया गया है। धनराशि को आने वाले तीन सालों में योजना के ऊपर खर्च किया जाएगा जिसमें 2.5 साल तक योजना का संचालन व रख रखाव का खर्च आदि शामिल है।
विभागीय अधिकारी के अनुसार, “आगामी बजट सत्र में इस राशि के एक हिस्से या पूरे आवंटन की घोषणा की हो सकती है। सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए इस डिजिटल कदम को उठाने की बहुत आवश्यकता है। जो कि ग्रामीण क्षेत्रों या दूर दराज के गांवों में सेवाओं के प्रसार बिना सफल नहीं हो सकती है।”
पायलट परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 30 राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश में से बड़े राज्यों की अधिकतम 39 ग्राम पंचायतों (GPs), मध्यम राज्यों की 30 ग्राम पंचायतों और छोटे राज्यों की 27 ग्राम पंचायतों का चयन जल्द किया जाएगा।
अधिकारी के मुताबिक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को सैद्धांतिक मंजूरी चुनिंदा राज्यों और संघ राज्यों के आईटी सचिव जिसमें ओडिशा, झारखंड, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के साथ विचार-विमर्श के कई दौर के बाद तैयार किया गया है।
डिजिटल गांवों में सेवाओं को टेली-मेडिसिन, टेली-शिक्षा, एलईडी प्रकाश व्यवस्था और वाई-फाई हॉटस्पॉट सेवाओं और स्किल डेवलपमेंट के तहत पायलट परियोजना के हिस्से के रुप में पहुंचाया जाएगा।