नकवी ने कहा कि हुनर हाट ने ना केवल मास्टर आर्टीशियन, क्रॅाफ्ट्समेन और बावर्ची को बाजार मुहैया कराया है बल्कि सामाजिक एकता का मजबूत संदेश भी समाज को दिया है।
26 लाख से अधिक घरेलू और विदेशी दर्शकों ने इस आयोजन का दौरा किया। जो इस हुनर हाट को सफल बनाता है। लोगों ने करीगरो से लाखों रुपये के सामान खरीदे और आर्डर भी दिये।
उन्होंने बताया कि “शिल्प और कुजिन (खाना) का संगम” थीम पर आधारित इस “हुनर हाट” की मुख्यः विशेषता यह रही कि इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से लाए गए शिल्प और पारंपरिक व्यंजनों को ‘बावर्चीखाना’ के तहत दिखाया गया।
हेंडीक्राफ्ट और विभिन्न व्यंजनों के अलावा लोगों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे कव्वाली, गज़ल, भजन और कठपुतली नृत्य आदि का भी लुत्फ़ उठाया।
कारीगरों (विशेष रुप फूड स्टाल के) ने ना केवल व्यक्तिगत स्वच्छता के उच्च मानकों को बनाए रखा बल्कि अपने आस-पास सफाई रखकर स्वच्छ भारत अभियान को भी मजबूत बनाया।
लोगों ने “हुनर हाट” पर जाकर कारीगरों के इस कदम की सराहना की। पहली बार इस समारोह की झलकियों को फेसबुक पेज पर भी लाइव दिखाया गया।