नयी परिभाषा के अनुसार, अब वो कंपनी स्टार्टअप मानी जायेगी जिसका कारोबार 25 करोड़ रुपये से कम हो और जो अपरिवर्तित रही हो।
साथ ही पंजीकरण की तारीख से लेकर अब तक सात वर्ष से अधिक पुरानी न हो। हालाँकि जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए कुछ छूट के साथ यह समयावधि 10 वर्ष है।
गौरतलब है स्टार्टअप इंडिया मोदी सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है, जिसे 16 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य देश में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करना और स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करना है। इसके सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए का फंड ऑफ फंड्स बनाया, जिसे 2025 तक स्टार्टअप को देना है।
स्टार्टअप इंडिया योजना कॉमर्स मिनिस्ट्री के अंतर्गत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ़ इंडस्ट्रियल पालिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) के तहत काम करती है।