डिपार्टमेंट आफ इंडियन पॅालिसी और प्रमोशन (DIPP) आने वाले दिनों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इस दिशा में कार्य करेगा। और स्टार्टअप को प्रमोटर्स से अधिक कर्ज दिलानें में उनकी मदद करेगा।
एक समिति ने कहा है कि स्टार्टअप्स के लिए संकल्प पैकेज पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा कंपनियों के लिए 180 दिन से आधी हो गई है, जिसे बढ़ाना चाहिए।
मिनिस्ट्री आफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ने स्टार्टअप्स के लिए नए मापदंड़ो के तहत कार्य करना शुरु कर दिया है। हालांकि प्रक्रिया को पूरा होने में दो-तीन महीने लग सकते है।
सरकार डीआईपीपी और अन्य सरकारी एजेंसियों के परामर्श के साथ जल्द से जल्द योजना को लागू करने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत कॉर्पोरेट, वित्तपोषण और बुनियादी ढांचे से संबंधित कई मुद्दों को हल किया जाएगा।
डीआईपीपी के सचिव रमेश अभिषेक ने बताया कि वित्त हमेशा से ही स्टार्टअप के लिए एक गंभीर समस्या रहा है क्योंकि कई कंपनियों के लिए धन जुटाना मुश्किल होता है। हम उन उपायों पर चर्चा कर रहे हैं कि जिसके अनुसार स्टार्टअप्स के लिए ऋण और इक्विटी में बढ़ोतरी करना सुनिश्चित हो सके।
इस योजना के लिए लगभग 650 करोड़ रुपये के वित्त को मंजूरी दे दी गई है। अगले वित्त वर्ष इस आवंटन को 1800 करोड़ रुपये और मार्च 201 9 तक 2,300 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की भी योजना है।
यह फंड सिडबी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, बायोटेक विभागों से क्रेडिट गारंटी फंड के तौर पर आने वाला है। 2000 करोड़ का कोष बैंको द्वारा 400 स्टार्टअप को राहत देगा।
10,000 करोड़ रुपये के फंड के फंडिंग को बढ़ाने के लिए डीआईपीपी दिशा निर्देशों में बदलाव की मांग कर रहा है जिससे आसान वित्तपोषण की अनुमति होगी। सरकार को उम्मीद है कि अगले साल करीब 600 करोड़ रुपये 15 वेंचर फंड से आयेगा।