मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य में ग्रामीण ऊष्मायन (Rural Incubation) केंद्रों की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार शैक्षिक संस्थानों में ऊष्मायन केंद्र स्थापित कर रही है।
नीतीश कुमार ने बिहार इंटरप्रेन्योर एसोसिएशन (बीईए) द्वारा राज्य उद्योग विभाग, आईआईटी-पटना, आईआईएम-कोलकाता, एचडीएफसी नवाचार और फिक्की के सहयोग से आयोजित किए जा रहे चौथे बिहार उद्यमी शिखर सम्मेलन में कहा कि युवा ही राज्य की रीढ़ है।
आयोजकों ने दावा किया कि शिखर सम्मेलन में देश भर से लगभग 1,000 स्टार्टअप फर्म ने भाग लिया। इसके अलावा, 20 चयनित स्टार्टअप ने एक्सपो में अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार स्टार्टअप पॉलिसी 2016 को शुरु किया है और इस नीति को इस साल 17 मार्च को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी भी दे दी है। शुरुआती उद्यम पूंजी के रूप में 500 करोड़ रुपये के कोष की स्थापना भी हमने की है।
बिहार स्टार्टअप पॉलिसी 2016 के तहत 10 लाख रुपये सीड मनी (प्रारंभिक राशि) के रुप में देने के लिए राज्य के उद्योग विभाग ने 98 आवेदनों को चुना है।
बीईए (BEA) के महासचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि बिहार जल्द ही पहला राज्य बन जाएगा जहां राज्य सरकार उभरते उद्यमी को सीड मनी उपलब्ध कराएगी।
15 फरवरी को राज्य मंत्रिमंडल ने उद्यम पूंजी के रूप में निर्धारित 500 करोड़ रुपये में से 50 करोड़ रुपये की धनराशि का आवंटन करने का निर्णय लिया। नीति में अनुसूचित जाति, जनजाति के आवेदकों के लिए 500 करोड़ रुपये के उद्यम कोष में से 22% रिजर्व किया गया है।
21 मार्च को शिखर सम्मेलन में उपस्थित पूरे देश के उद्यमियों और व्यापारिक प्रतिष्ठकों ने बिहार स्टार्टअप पॉलिसी की सराहना की।
अभिषेक सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री, विभिन्न क्षेत्रों में उभरते उद्यमियों के अनूठे स्टार्टअप विचारों के साथ खुश हैं। जिनमें आभासी वास्तविकता, स्वास्थ्य, स्वच्छ ऊर्जा, कृषि और शिक्षा शामिल हैं।
उद्घाटन समारोह में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव एस सिद्धार्थ शामिल थे।
आधिकारिक उद्घाटन के अलावा, आईआईएम-कोलकाता द्वारा उभरते स्टार्टअप के लिए एक सत्र भी आयोजित किया।
पूरे देश के 600 प्रतिभागियों में से चुने गए पंद्रह प्रतिभागियों ने सत्र के दौरान पैनलिस्टों के समक्ष छोटी प्रस्तुतियां दी। विजेताओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से एकत्रित 1 लाख रुपये की धनराशि मिलेगी।
शिखर सम्मेलन के दूसरे और अंतिम दिन, तीन व्यापार सत्र आयोजित होगें – ‘स्टार्टअप बिहार’, ‘बिहार में निवेश’ और ‘उद्यमशीलता में गैर-पारंपरिक क्षेत्रों’ को दिखाया जाएगा।