हथकरघा बुनकरों के लिए भारत सरकार की हेल्पलाइन “बुनकर मित्र” शुरू


हथकरघा बुनकरों के लिए भारत सरकार की हेल्पलाइन “बुनकर मित्र”, ने 4 जनवरी से कामकाज शुरू कर दिया  है। इस हेल्पलाइन का केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी ने ‘सुशासन दिवस’  के  अवसर  पर 25 दिसंबर, 2016 को शुभारंभ किया था। कॉल हेल्पलाइन एजेंटों की हाउसिंग वाले कॉल सेंटर के एक अधिकारी के साथ बातचीत करते हुए इरानी ने कहा कि यह हेल्पलाइन प्रौद्योगिकी, युवा और परंपरा का एक महान मिश्रण है। उन्होंने मंत्रालय के पदाधिकारियों से सबसे अधिक  शिकायतें प्राप्त  होने  वाले  मुद्दों  पर  निगरानी रखने  के लिए कहा है, ताकि उसी के अनुसार सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके। इरानी ने विकास आयुक्त (हथकरघा) को बधाई दी और बुनकरों की पूछताछ  और शिकायतों  का  जवाब  देने के लिए […]


Weaversहथकरघा बुनकरों के लिए भारत सरकार की हेल्पलाइन “बुनकर मित्र”, ने 4 जनवरी से कामकाज शुरू कर दिया  है।

इस हेल्पलाइन का केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी ने ‘सुशासन दिवस’  के  अवसर  पर 25 दिसंबर, 2016 को शुभारंभ किया था।

कॉल हेल्पलाइन एजेंटों की हाउसिंग वाले कॉल सेंटर के एक अधिकारी के साथ बातचीत करते हुए इरानी ने कहा कि यह हेल्पलाइन प्रौद्योगिकी, युवा और परंपरा का एक महान मिश्रण है।

उन्होंने मंत्रालय के पदाधिकारियों से सबसे अधिक  शिकायतें प्राप्त  होने  वाले  मुद्दों  पर  निगरानी रखने  के लिए कहा है, ताकि उसी के अनुसार सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके।

इरानी ने विकास आयुक्त (हथकरघा) को बधाई दी और बुनकरों की पूछताछ  और शिकायतों  का  जवाब  देने के लिए इस हेल्पलाइन को जिस तरह समयबद्ध तरीके से डिजाइन किया गया है उसके लिए उनकी सराहना भी की।

यह हेल्पलाइन पूरे देश के हथकरघा बुनकरों को कोई पूछताछ करने और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए संपर्क  का एक रास्ता उपलब्ध कराती है। इस हेल्पलाइन से टोल फ्री नंबर 1800-208-9988  डायल करके   संपर्क किया जा सकता है। बुनकर देश के किसी भी हिस्से से कितनी भी संख्या में कॉल कर सकते हैं। इसका कोई चार्ज नहीं लगेगा।

यह सेवा सप्ताह के सातों दिन प्रातः दस बजे से  सायं छह  बजे  तक  हिन्दी, अंग्रेजी,  तमिल, तेलुगु, बंगाली, कन्नड़ और असमिया सात  भाषाओं में उपलब्ध है।

इस हेल्पलाइन के माध्यम से निम्नलिखित सेवाएं उपलब्ध हैं:

  • तकनीकी मुद्दों पर सहायता और निम्न सुविधाओं के लिए मार्गदर्शन
  • कच्चे माल की आपूर्ति।
  • क्रेडिट सुविधा प्राप्त करना।
  • गुणवत्ता नियंत्रण।
  • विपणन (मार्केटिंग) संपर्कों तक पहुंच।
  • विभिन्न योजनाओं और प्रक्रियाओं का लाभ उठाने के बारे में जानकारी।

Source: PIB 

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