आयोजन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मिश्र ने कहा कि हरियाणा सरकार ने एमएसएमई उद्यम को बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं और कर रही है।
उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास में एमएसएमई उद्योगों का योगदान अहम होता है। केंद्र सरकार ने एमएसएमई के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का अटल इनोवेशन मिशन शुरु किया है। इसके साथ ही सरकार ने कई लाभकारी योजनाओं पर भी इस सेक्टर के विकास को ध्यान में रखते हुए बल दिया है।
इस अवसर पर हरियाणा उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने राज्य सरकार द्वारा क्षेत्र की उन्नति के लिए किये गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हम सेक्टर के विकास को ध्यान में रखते हुए एमएसएमई पॅालिसी को तैयार कर रहे हैं। जिसमें 75 करोड़ रुपये के फंड के साथ 7 योजनाओं को शुरु किया जाएगा।
उन्होंने बताया की टेक्सटाइल पॉलिसी को लेकर भी स्टेक होल्डर्स ने अपने विचार दिये हैं। योजना को अंतिम रुप देने के बाद इसे अगले महीने तक लागू किया जाएगा।
गोयल ने कहा कि राज्य सरकार चमड़ा उद्योग को भी बढ़ावा दे रही है। योजना के तहत आईएमटी सोहना में 105 एकड़ जमीन पर 425 करोड़ रुपये की लागत से चमड़ा उद्योग समूह की नींव रखी जाएगी।और रोहतक में 300 एकड़ भूमि पर 742 करोड़ की लागत से फुटवेयर उद्योग स्थापित होगा।
मंत्री ने बारवाला, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, कैथल, गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर और अंबाला में 110 करोड़ रुपये की लागत से 25 मिनी क्लस्टरों की स्थापना की भी घोषणा की।
गोयल ने कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार के सूक्ष्म और लघु क्लस्टर विकास योजना के तहत करनाल और फरीदाबाद जिले में चार समूहों की पहचान की है और राज्य लघु समूह योजना के तहत करनाल, पंचकुला, सोनीपत और फरीदाबाद जिलों में सात समूहों की पहचान की है।
गोयल ने घोषणा की कि एक निर्यात प्रदर्शनी केन्द्र की स्थापना 38 करोड़ रुपये की लागत के साथ पानीपत में 2 एकड़ जमीन पर की जाएगी। इसके अलावा पानीपत के उद्योगों के लिए सीईटीपी संयंत्र द्वारा पानी की जल निकासी के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के तौर पर पांच करोड़ रुपये की राशि जारी की जाएगी।
गोएल ने बताया कि इस समय हरियाणा में 8003 SMEs और 265 बड़ी इंडस्ट्रीज राज्य में काम कर रही हैं जिनमें करीब 17000 करोड़ रूपये का इन्वेस्टमेंट है और लगभग 1.60 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है।