तकनीकी प्रगति का ये एक बहुत ही सुखद पहलु है कि संचार माध्यमों के जरिये आज सारी दुनिया करीब आ चुकी है।
यहाँ तक की आज के समय में आर्थिक नीतियों के साथ-साथ दूरसंचार नीतियों को भी अब काफी महत्वपूर्ण दर्ज़ा दिया जा रहा है। दूरसंचार नीतियों की समीक्षा भी अब काफी महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
ज्योतिष की दृष्टि से विश्लेषण करें तो शनि, बुध व् गुरु इनके कारक ग्रह माने जाते है। जारी शोध में ये पाया गया कि राशि के अक्ष को जब दोनों बड़े ग्रह प्रभावित करते है तब तब कुछ परिवर्तन की संभावनाएं उपस्थित हो जाती है।
गुरु और शनि जहाँ विशाल बड़े ग्रह है, उनकी चाल काफी ही बड़े असर इस क्षेत्र के ऊपर छोड़ती दिखती है।
वर्तमान में देखते है तो 2016-17 की तीसरी तिमाही के आसपास से संचार के क्षेत्र में नवीन प्रतियोगिता का दौर शुरू हुआ जिसके कारण कॅाल दरों के साथ साथ इन्टरनेट की दरों में भी कमी आती दिखी।
ज्योतिषीय योगों में केंद्राधिपति के साथ-साथ लक्ष्मी योग का निर्माण आकाश मण्डल में बनता हुआ दिखा।
शनि गुरु का त्रि एकादश योग निर्माण भी ग्राहकों के लिए उत्तम स्थिति का भाग अदा करता है।
इन योगों ने संचार के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया वहीँ इस प्रतिस्पर्धा ने संचार के माध्यमों का इस्तेमाल करने वालो को भी कुछ हद तक लाभ की स्थिति प्रदान की।
शनि देव फिलहाल अपनी राशि का परिवर्तन कर चुके है परंतु जिन संभावनाओ का निर्माण उपरोक्त योगों ने किया उसका लाभ आम जनता को आगे भी प्राप्त होता रहेगा ऐसी सुखद आशा की जा सकती है।
(उपरोक्त लेख मात्र वर्तमान स्थिति को समझने के लिए ज्योतिष संशोधन शोध का एक भाग है। इसके लेखक नवनीत ओझा ज्योतिष संशोधक एवं आध्यात्मिक साधक हैं। उपरोक्त व्यक्त किये गए विचार लेखक के अपने विचार हैं।)