इकनॉमिक टाइम्स की एक ख़बर के अनुसार एमएसएमई राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कॉयर उत्पादों के निर्यात में सामान्य आर्थिक मंदी के बावजूद लगातार वृद्धि दर्ज हुयी है।
सिंह ने कॅायर बोर्ड द्वारा कार्यान्वित केन्द्रीय सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की और कहा कि साल 2016-17 में कॉयर सेक्टर ने 2,282 करोड़ रुपये का 9,57,044 मीट्रिक टन कॉयर और कॉयर से बना माल निर्यात किया है। जो कि वर्ष 2013-14 में हुए निर्यात के मुकाबले 55 फीसदी अधिक है। यह बढोत्तरी इस सेक्टर की प्रतिभा का प्रमाण है।
इस मौके पर कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष सी पी राधाकृष्णन ने कहा कि 2016-17 में निर्यात बहुत ही अच्छा रहा है। जबकि 2013-14 में 1476 करोड़ रूपये का 5,37,040 मीट्रिक टन कॉयर और कॉयर से बना माल निर्यात किया गया था।
राधाकृष्णन ने कॉयर उद्योग के आधुनिकीकरण को लेकर कहा कि हम नई टेक्नोलॉजी के साथ इस उद्योग के आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कॉयर उद्योग के विकास के लिए बोर्ड ने महाराष्ट्र, हैदराबाद, पोर्ट ब्लेयर और कवारती के सिंधुदुर्ग में इसके उपक्षेत्रीय कार्यालय बनाये हैं।
सिंह ने कहा कि भारतीय कॉयर सेक्टर में रोजगार पैदा करने की काफी क्षमता है। कॅायर उद्योग के आधुनिकीकरण, उच्च कच्चा माल का उपयोग और उत्पादकता की उपलब्धि के लिए इस क्षेत्र को केंद्र सरकार के विकास एजेंडा में सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
कॅायर उद्योग की विशेषताओं को बताते हुए सिंह ने कहा कि उद्यमियों द्वारा निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार 2.50 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता के साथ एक योजना को शुरू करने पर विचार कर रही है।