वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा कि, ‘देश में एफडीआई निवेश के बढ़ने का कारण सरकार के एफडीआई व्यवस्था को व्यवहारिक बनाने के लिये साहसिक नीतिगत सुधार हैं। भारत अब विदेशी निवेश के लिये सबसे ज्यादा आकर्षक स्थान बन गया है। इसमें कहा गया है, ”एफडीआई इक्विटी फ्लो 2016-17 में 43.48 अरब डॉलर रहा। किसी एक वित्त वर्ष में यह सबसे ज्यादा है।’
बयान के मुताबिक प्राप्त आय के फिर से निवेश को भी लिया जाए तो कुल एफडीआई पिछले वित्त वर्ष में अब तक के सर्वाधिक 60.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो 2015-16 में 55.6 अरब डॉलर था। पिछले तीन साल के दौरान सरकार ने 87 क्षेत्रों से जुड़े कुल 21 क्षेत्रों में विदेशी निवेश नियमों को आसान बनाया। निर्माण, प्रसारण, खुदरा कारोबार, हवाई परिवहन, बीमा और पेंशन जैसे क्षेत्रों में प्रावधानों को आसान बनाया गया।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि एफडीआई नीति आसान बनाने तथा कारोबार सुगमता बढ़ने से घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने, आयात सीमित होने, रोजगार सृजन और मंहगे फ़ॉरन एक्सचेंज के संरक्षण में मदद मिली। बयान के मुताबिक पिछले तीन वित्त वर्ष में एफडीआई इक्विटी प्रवाह करीब 40 प्रतिशत बढ़कर 114.41 अरब डॉलर रहा जो इससे पहले तीन वित्त वर्ष (2011-14) में 81.84 अरब डॉलर था। इसमें से 11.69 अरब डॉलर सरकार के मंजूरी मार्ग के जरिये प्राप्त हुए।
Source: Economic Times