सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए उठाये गए इस कदम के तहत क्रेडिट गारंटी फंड़ जो पहले 2500 करोड़ रूपये था, उसे बढ़ाकर 7500 करोड़ रुपये किया गया है।
इसके साथ ही ॠण गारंटी योजना के तहत कर्ज सीमा के बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये से 2 करोड़ रुपये किया गया है। यह पूरा वित्तीय खर्च सरकार देगी। फंड़ को बढ़ाने के फैसला प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में यूनियन कैबिनेट की मीटिंग में लिया गया।
इसके साथ ही एसएमई व्यापारियों को लोन देने वाली NBFCs ने भी अपने क्रेडिट गारंटी लोन में बढ़ोत्तरी की है। वित्तीय कोष के विस्तार से एसएमई की व्यापार करने की क्षमता मे इजाफा होगा। साथ ही रोजगार व उत्पादन भी बढेगा।
चूंकि कर्ज किसी तीसरे व्यक्ति की गारंटी के बिना और कोलेट्रल फ्री (बिना गारंटी के) है, इसलिए यह स्टार्टअप को नए आईड़िया के साथ व्यापार स्थापित करने के लिए प्रेरित करेगा।
एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, “प्रक्रिया का संचालन ऑनलाइन होगा। इस संपूर्ण योजना से क्रेडिट गारंटी लोन पर एमएसएमई का विश्वास बढ़ेगा।”