कल शाम यानी 6 अप्रैल को राज्य सभा ने जीएसटी के चारों विधेयकों को बिना किसी संशोधन के अपनी मंजूरी दे दी. राज्यसभा में जीएसटी से जुड़े चारों बिलों को मंजूरी मिलना लगभग तय था क्योंकि लोक सभा ने इन विधेयकों को 29 मार्च को ही पास कर दिया था.
सालों से अटका पड़ा ये बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास होने के बाद 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने का रास्ता साफ हो चला है. अब सभी राज्यों को स्टेट जीएसटी विधेयक अपनी-अपनी विधानसभाओं में पारित कराना होगा. इसके बाद एक राष्ट्र, एक टैक्स का नया जीएसटी कानून लागू किया जा सकेगा. वस्तु व सेवाकर-जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स देश की आजादी के बाद का सबसे बड़ा ‘आर्थिक सुधार’ माना जा रहा है.
जानें राज्यसभा में कैसे पास हुआ जीएसटी?
राज्यसभा में आठ घंटे चली लंबी परिचर्चा के बाद जीएसटी से जुड़े चार बिलों सेंट्रल जीएसटी, (CGST) इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST), यूनियन टेरिटरी जीएसटी (UGST) और कॉम्पेंसेशन जीएसटी बिलों को राज्यसभा ने बिना संशोधनों के पास कर दिया.
सेंट्रल जीएसटी बिल 2017, केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी बिल 2017, एकीकृत जीएसी बिल 2017 और जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) विधेयक 2017 को राज्य सभा ने चर्चा के बाद लोक सभा को वापस लौटा दिए.
संविधान संशोधन बिल जीएसटी को मनी बिल की तरह पेश किया गया था, जिस कारण लोकसभा से पास होने के बाद इसे राज्यसभा की मंजूरी मिलना लगभग तय ही था.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में क्या कहा?
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में जीएसटी बिल पर चर्चा के दौरान कहा, ‘यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि इस बिल का क्रेडिट किसी व्यक्ति या सरकार को नहीं बल्कि सभी को जाता है. यह ऐतिहासिक दिन है. जीएसटी का सभी दलों की सहमित से पास होना भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा है.’
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मनमोहन सिंह की भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि जब देशहित की बात आई तो सभी दल और नेता एक स्वर में बोले.
- जीएसटी लागू होने से महंगाई नहीं बढ़ेगी, इससे पूरे देश में एकसमान टैक्स व्यवस्था की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी के लागू होने से केंद्र, राज्यों, उद्योग और व्यापार सभी को फायदा होगा.
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी में कृषि क्षेत्र टैक्स दायरे से बाहर रहेगा. राज्य सरकारों के पास टैक्स लगाने का अधिकार है लेकिन जिन कारणों से अभी कृषि को टैक्स दायरे से बाहर रखा गया है, उन्हीं कारणों से आगे भी ये क्षेत्र टैक्स से बाहर ही रहेगा.
जानें जीएसटी के तहत आने वाले टैक्स स्लैब कौन-कौन से हैं?
- जीएसटी के तहत खाने-पीने के जरूरी सामानों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. यानी, कृषि समेत दूसरी आवश्यक चीजों का टैक्स स्लैब शून्य (0) होगा.
- दूसरा स्लैब- 5 फीसदी और तीसरा स्लैब 12 फीसदी और 18 फीसदी का है.
- इसके अलावा लग्जरी टैक्स स्लैब को दो भागों में बांटा गया है- टैक्स और सेस. इसमें टैक्स की दर 28 फीसदी होगी.
- हालांकि इन टैक्स की दरों को अभी राज्य और केंद्र सरकार की भागीदारी से बनी जीएसटी काउंसिल की फाइनल मंजूरी मिलना बाकी है
जीएसटी के लिए आगे की प्रकिया क्या है?
अब स्टेट जीएसटी सभी राज्यों से पास होकर आएगा जिसके बाद जीएसटी को लागू किया जा सकेगा. आने वाली 18-19 मई को जीएसटी काउंसिल जीएसटी रेट पर चर्चा करेगी.
जीएसटी काउंसिल ने चार स्तरीय टैक्स ढांचे का सुझाव दिया है, जो 5,12, 18 और 28 फीसदी है. सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब लग्जरी और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों पर टैक्स के अलावा सेस लगाने की भी योजना है.
जीएसटी आने के बाद आम जनता को क्या होगा फायदा?
- जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र और राज्यों द्वारा अभी लगाए जा रहे 20 से अधिक अप्रत्यक्ष टैक्स (इनडायरेक्ट टैक्स) खत्म होकर एक टैक्स जीएसटी लगेगा.
- जीएसटी आने के बाद सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी(सीवीडी), स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम(एसएडी), वैट/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स, ऑक्ट्राय एंड एंट्री टैक्स, परचेज टैक्स, लक्जरी टैक्स खत्म हो जाएंगे.
- जीएसटी आने के बाद हर राज्य में अलग-अलग प्रकार के लगने वाले टैक्स खत्म होंगे. जो वस्तु जहां मैन्यूफैक्चर होगी उसी जगह उसका टैक्स वसूली हो जाएगी और उसी हिसाब से उसका रेट भी तय होगा.
- इस टैक्स को लागू होने के बाद कोई चुंगी कर या बिक्री पर अन्य टैक्स नहीं देना पड़ेगा. हालांकि इसमें कुछ प्रोडक्ट इनमें शामिल नहीं होंगे.
- जीएसटी बिल पास हो जाने के बाद टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन आसान हो जाएगा. मौजूदा भारत में गुड्स एंड सर्विसेज के लिए दिए जाने वाले टैक्स की दरों का बड़ा अंतर खत्म होगा.
Source: ABPNews