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SMEs की वित्तीय समस्याओं को कम करता है BSE SME एक्सचेंज: अजय ठाकुर, हेड, बीएसई एसएमई

भारतीय एसएमई सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था और व्यापारिक व्यवस्था की रीढ़ माना जाता है जो की मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को मजबूत बनाता है।

एसएमई सेक्टर देश के कुल विनिर्माण उत्पादन में 45 प्रतिशत और निर्यात में 40 फीसदी का योगदान देता है।

बावजूद इसके एसएमई सेक्टर को अपनी वित्तीय जरूरतों के लिए अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 18 मार्च 2010 को एसएमई एक्सचेंज प्लेटफॅार्म को शुरु करने के संदर्भ में दिशा-निर्देश दिये। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने 13 मार्च 2012 को अपने एसएमई प्लेटफॅार्म की शुरुआत की और एसएमई एक्सचेंज के लिए सेबी से अनुमति पाने वाला पहला स्टॉक एक्सचेंज बना।

हाल ही में पीएचड़ी चेंबर ऑफ़ कॉमर्स & इंडस्ट्री द्वारा एसएमई की इनिशियल पब्लिक आफरिंग (आईपीओ) प्लेटफॅार्म पर भूमिका को जानने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया।

सेमिनार में बीएसई के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा, “लिस्टिंग से कंपनी और उनके प्रमोटर्स को धन जुटाने में आसानी होती है। यह बड़ी अच्छी बात है कि मैन्युफैक्चरिंग, मेटल्स, इनफोर्मेशन टेक्नोलॅाजी और अन्य क्षेत्र की कंपनी भी बीएसई के एसएमई प्लेटफार्म से जुड़ रही हैं।”

उन्होंने कहा की लिस्टिंग से कम्पनियों की न सिर्फ मार्केट वैल्यूएशन बढ़ती है बल्कि उन्हें कम इंटरेस्ट पर फंड भी मिलता है और अच्छे इन्वेस्टर्स भी आसानी से इन्वेस्टमेंट के लिए तैयार हो जाते हैं।

बीएसई एसएमई के प्रमुख अजय ठाकुर ने कहा, “165 कम्पनियां अभी तक हमारे साथ जुड़ चुकी हैं और वहीं अगले सप्ताह तक 20 और कंपनियों के बीएसई के एसएमई एक्सचेंज से जुड़ने की उम्मीद है। एसएमई प्लेटफार्म से हमे अच्छी प्रतिक्रियाऐं मिल रही हैं, आने वाले समय में प्रभावी रूप से बीएसई एसएमई मंच पर जून तक 200 कंपनियां सूचीबद्ध होंगी।”

उन्होंने कहा कि बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध एसएमई को वित्तीय समस्याओं से निजात मिलता है और वह विकास की राह में आगे बढ़ पाती है। समय-समय पर हम इन एसएमई इकाइयों के विकास के लिए उन्हें नियमों और विनियमों के अनुसार बीएसई के मुख्य बोर्ड में स्थानांतरित करने के लिए सक्षम बनाते हैं।

पीएचडी चैंबर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनिल खेतान ने आयोजन में बीएसई को आश्वासन देते हुए कहा कि पीएचडी चैंबर अपने सभी एसएमई सदस्यों को सूचीबद्ध होने के लिए प्रेरित करेगा। क्योंकि यह उनके ऑपरेशन को मजबूती देगा।

बीएसई एक्सचेंज पर सूचीबद्ध एसएमई इकाइयों में से एक, टाइगर लॉजिस्टिक्स इंडिया लिमिटेड ने अपनी सफलता की कहानी समारोह के दौरान बतायी।

टाइगर लॉजिस्टिक्स इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हरप्रीत सिंह मल्होत्रा ​​ने कहा कि लिस्टिंग पूंजी मदद देने के साथ विश्वसनीयता को भी बढ़ाता है और बाजार संबधी प्रतिस्पर्धाओं का सामना करने में सक्षम बनाता है।

बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म निवेशक को बिज़नस के अनुकूल वातावरण भी प्रदान करता है।

इंडिया मेंबर फर्म आफ ईवाई ग्लोबल के कार्यकारी निदेशक कुलभूषण पारासर ने सेमीनार में कहा कि कैपिटल मार्केट में लिस्टिंग एसएमई की ग्रोथ को बढ़ाती है और यह प्रक्रिया अब ज्यादा सरल भी है।

एसएमई के लिए आईपीओ प्लेटफार्म की उभरती भूमिका पर चर्चा करने वाले अन्य लोगों में पीएचडी चैंबर की कैपीटल मार्केट कमेटी के डी के अग्रवाल और बी के सभरवाल; कॉर्पोरेट कैपिटल वेंचर्स प्राइवेट के फाउंडर सदस्य विशाल धींगरा; नेशनल एक्सचेंज एसोसिएशन ऑफ इंडिया के नार्थ रीजन के चेयरमैन, नरेंद्र वाधवा और पंतोमाथ एडवाइजरी सर्विस ग्रुप के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर, महावीर लुनावत आदि शामिल थे.