इस अवसर पर संयुक्त अरब एमिरेट्स में भारतीय राजदूत नवदीप सिंह सूरी ने कहा, “यह कार्यक्रम भारत और संयुक्त अरब एमिरेट्स के लिए एक ऐसा मंच है जहां वह अपने विचारों का आदान-प्रदान करने और धन जुटाने के लिए एक दूसरे का सहयोग कर सकते हैं। जिसका फायदा दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को होगा।”
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत स्टार्टअप को बढ़ावा दे रहे है। जिसको सफल बनाने के लिए हम यूएई में इसके बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
भारत वैश्विक रूप से तकनीकी नवाचार में अग्रणी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ी पारिस्थितिकी तंत्र है। वहीं यूएई भविष्य में प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक केंद्र के रुप में अपनी पहचान बनाना चाहता है।
इस प्रोग्राम में भारत की 17 स्टार्टअप कंपनियों ने भाग लिया था। ये कंपनियां तकनीक के साथ-साथ हेल्थ केयर से लेकर रोबोट क्षेत्र में काम करती हैं।
बैंग्लोर स्थित स्टार्टअप टीम इंडस का मिशन आने वाले 10 से 12 सालों में चांद पर अपना एस्ट्रोनट भेजने वाला पहला भारतीय स्टार्टअप बनना चाहता है। टीम इंडस के को-फाउंडर राहुल नारायण ने कहा है कि अगर सब कुछ योजना के अनुरुप हुआ तो हम 2027 से 2030 तक चांद पर अपना पहला एस्ट्रोनट भेज सकेंगे।
दुबई में भारत के कॉन्सल जनरल विपुल ने कहा, “भारत का स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्र देश के विकास में लाभकारी हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए भारत 2030 तक USD 10 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल होगा।”
इस समारोह को आयोजन भारतीय दूतावास, दुबई में भारत वाणिज्य दूतावास, आबू धाबी ग्लोबल मार्केट और आईबीपीसी ने मिल के किया।