आईआईए के सदस्यों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किये गए आम बजट 2017–18 में दी गयी रियायतों पर मिली–जुली प्रतिक्रिया दी है।
आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष गोयल ने कंपनियों के सालाना करोबार आय-कर को कम करने के निर्णय का स्वागत किया है। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर के लिए और भी बहुत कुछ किया जाना चाहिए था।
जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला दूसरा बड़ा सेक्टर है। गोयल ने कहा है कि बजट में एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कोई भी वित्तीय-परिव्यय (financial outlay) नहीं बनाया गया है जैसा कि कृषि क्षेत्र के लिए किया गया है।
आईआईए ने कृषि क्षेत्र के बराबर एमएसएमई सेक्टर के लिए कम ब्याज दरों के लिए मांग की है। उन्होंने कहा है कि एमएसएमई के लिए ऋण (Loan) का प्रवाह एक गंभीर समस्या है जिसे बजट में संबोधित नहीं किया गया है।
आईआईए के पूर्व अध्यक्ष संजय कौल ने कहा है कि कृषि सेक्टर के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के फंड़ को बजट में आवंटित किया गया है तथा किसानों की आय को आगामी पांच वर्षों में सरकार ने दुगुना करने का लक्ष्य रखा है। सरकार के इस कदम से एमएसएमई सेक्टर को अप्रत्यक्ष रुप से लाभ होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन भी एमएसएमई क्षेत्र के उत्पादन की मांग को बढ़ावा देगा।
आईआईए के एक और पूर्व अध्यक्ष अनिल गुप्ता ने भी मझोले कारोबारियों के लिए संभावित आय कर में टैक्स को 8 प्रतिशत से 6 फीसदी करने के लिए सरकार की सराहना की है। सदस्यों ने 5 लाख रुपये की सालाना आय पर दरों में कमी 10% से 5% करने पर भी सरकार की प्रशंसा की है।
अन्य उद्यमियों ने बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी के लिए दी गयी वित्तीय राशि को सही निर्णय बताया है।
आईआईए सचिव मनमोहन अग्रवाल ने कहा है कि परिवहन क्षेत्र पर 241387 करोड़ रुपये के बजट आवंटन से इंडस्ट्री के उत्पादों और ग्रोथ में वृद्धि होगी।
Source: Times of India