गौरतलब है की बजट से पहले SMEpost ने एक सर्वे किया था जिसमे एसएमई सेक्टर के लिए बजट में मुख्य फोकस क्या होना चाहिए, पूछा था। 47 फीसदी लोगों की मांग टैक्स में छूट थी।
SME सेक्टर को कर मिली छूट
नोटबंदी के बाद छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए सरकार अनुमानित कर देने के लिए कारोबारी सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये किया है। ऐसा करने से लगभग 7,200 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान भी होगा। मुद्रा योजना के जरिए 2.44 लाख करोड़ रुपये देने के लक्ष्य को किया निर्धारित।
छोटे कारोबारियों को एक और तोहफा देते हुए 50 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाली कंपनियों का कॉरपोरेट टैक्स 25 फीसदी कर दिया गया है। अभी तक ये कारोबारी 30 फीसदी टैक्स देते थे।
स्टार्टअप को टैक्स में राहत
स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के उद्देश्य से सरकार ने इनकम टैक्स में छूट के लिए स्टार्टअप कंपनियों में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी की बाध्यता में रियायत दी है। वहीँ वित्तमंत्री ने स्टार्टअप के लिए पहले पांच साल की जगह अब पहले सात साल में से तीन इनकम टैक्स में छूट का प्रावधान दिया है।