इसी के साथ केंद्र सरकार कोस्टल एंप्लायमेंट जोन बनाने की योजना पर भी विचार कर रही है। इसके तहत चमड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण तथा रत्न व आभूषण निर्माण के सेक्टर्स में इंसेंटिव की घोषणा की जा सकती है। ऐसी ही घोषणा पिछले बजट में कपड़ा सेक्टर के लिए की गई थी।
गौरतलब है कि तमाम योजनाओं व प्रयासों के बावजूद देश में रोजगार निर्माण की गति उतनी नहीं बढ़ी, जितने की उम्मीद की जा रही थी।
सूत्रों का कहना है कि ऐसे में सरकार पर रोजगार के अवसर बनाने का काफी दबाव है।
उल्लेखनीय है कि भारत में हर साल रोजगार चाहने वालों की संख्या में 1 करोड़ 20 लाख की बढ़ोतरी हो जाती है। दूसरी ओर देश की आबादी में 65 फीसदी से ज्यादा लोगों की उम्र 35 साल से कम है, जिन्हें रोजगार की आवश्यकता है।
श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को ऐसा प्रस्ताव दिया है, जिसके अनुसार, ज्यादा श्रम शक्ति की आवश्यकता वाले सेक्टर्स को फिक्स्ड टर्म एंप्लायमेंट का विकल्प दिया जाना चाहिए। मंत्रालय का कहना है कि इन सेक्टर्स में 15,000 प्रतिमाह के कम कमाने वालों को भी भविष्यनिधि में अंशदान नहीं करने का विकल्प दिया जाना चाहिए।
Source: Nai Duniya