आईआईटी दिल्ली के इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को तीन भागों में बनाया गया है और इसे नाम दिया गया है ”सत्यम शिवम् सुंदरम.” इसमें स्टार्टअप को बिजनेस के तरीके से लेकर मार्केटिंग, सेल्स और फंडिंग के तौर तरीके न सिर्फ बताए जाते हैं बल्कि उनको वह हर सहायता दी जाती है जो उन्हें मार्केट में प्रतिस्पर्धी बना सके.
वी फाउंडेशन के चेयरमैन सरनदीप सिंह का कहना है कि आईआईटी दिल्ली हर साल 30-30 महिलाओं के दो बैचों को एडमीशन देता है. अगले चार साल में फाउंडेशन 10 करोड़ महिलाओं को प्रशिक्षित करने पर विचार कर रही है.
आईआईटी दिल्ली से अवार्ड से उत्साहित नई उद्यमी कनुप्रिया सैगल अमूल की तर्ज पर मधुमक्खी उद्योग को कोऑपरेटिव बनाने की सोच रही हैं. उनके स्टार्टअप का नाम ‘बी पॉजिटिव’ है. वे अपने स्टार्टअप के जरिए ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को, खास करके ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश में लगी हुई हैं. पहले फेज में वह इस उद्योग से जुड़े लोगों को शहद का उत्पादन कैसे हो, उसकी ट्रेनिंग देती हैं. दूसरे फेज में वे मधुमक्खी के जहर, रॉयल जेली जैसे जटिल प्रोडक्ट के बारे में ट्रेनिंग देंगी.
किचन और घर के कामों से बाहर निकल दुनिया का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां महिलाओं की मौजूदगी न हो. आजकल स्टार्ट्सअप की होड़ है तो महिलाएं कैसे पीछे रह सकती हैं. आईआईटी दिल्ली की यह बहुत बड़ी पहल है.
Source: NDTV