देश के आईआईटी ने कई सीईओ और सीएमडी क्लब पैदा किए हैं पर स्टार्टअप के जमाने में आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर वी फाउंडेशन (WEE- वीमेन एंत्रेप्रेन्यूरशिप एंड एम्पावरमेंट) ने एक नई जिम्मेदारी ली है, महिला स्टार्टअप क्लब बनाने की. पांच बेहतरीन स्टार्टअप को भारत सरकार पांच-पांच लाख रुपये की ग्रांट भी दे रही है.
आईआईटी दिल्ली के इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को तीन भागों में बनाया गया है और इसे नाम दिया गया है ”सत्यम शिवम् सुंदरम.” इसमें स्टार्टअप को बिजनेस के तरीके से लेकर मार्केटिंग, सेल्स और फंडिंग के तौर तरीके न सिर्फ बताए जाते हैं बल्कि उनको वह हर सहायता दी जाती है जो उन्हें मार्केट में प्रतिस्पर्धी बना सके.
वी फाउंडेशन के चेयरमैन सरनदीप सिंह का कहना है कि आईआईटी दिल्ली हर साल 30-30 महिलाओं के दो बैचों को एडमीशन देता है. अगले चार साल में फाउंडेशन 10 करोड़ महिलाओं को प्रशिक्षित करने पर विचार कर रही है.
आईआईटी दिल्ली से अवार्ड से उत्साहित नई उद्यमी कनुप्रिया सैगल अमूल की तर्ज पर मधुमक्खी उद्योग को कोऑपरेटिव बनाने की सोच रही हैं. उनके स्टार्टअप का नाम ‘बी पॉजिटिव’ है. वे अपने स्टार्टअप के जरिए ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को, खास करके ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश में लगी हुई हैं. पहले फेज में वह इस उद्योग से जुड़े लोगों को शहद का उत्पादन कैसे हो, उसकी ट्रेनिंग देती हैं. दूसरे फेज में वे मधुमक्खी के जहर, रॉयल जेली जैसे जटिल प्रोडक्ट के बारे में ट्रेनिंग देंगी.
वहीं प्रिय जिंदल अपने स्टार्टअप द्वारा नॉलेज को क्लासेज से मासेज तक ले जाने का इरादा रखती हैं. इसके लिए वे यूट्यूब का इस्तेमाल करती हैं. उनके चैनल का नाम है डेल्ही नॉलेज ट्रैक जिसके जरिए इतिहास से लेकर मॉडर्न साइंस तक के विषयों पर लेक्चर सीरीज या डॉक्यूमेंट्री बनाती हैं. इस यूट्यूब चैनल पर आपको इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए टॉपर्स के लेक्चर से लेकर फाइटर पायलट और कोरियोग्राफर बनाने तक के लिए इंडस्ट्री से जुड़े प्रतिष्ठित नाम के लेक्चर मिल जाएंगे.
किचन और घर के कामों से बाहर निकल दुनिया का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां महिलाओं की मौजूदगी न हो. आजकल स्टार्ट्सअप की होड़ है तो महिलाएं कैसे पीछे रह सकती हैं. आईआईटी दिल्ली की यह बहुत बड़ी पहल है.
Source: NDTV