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चंडीगढ़: इंडस्ट्रियल एरिया में चेंज आॅफ लैंड यूज की इजाजत नहीं देगा प्रशासन

नई इंडस्ट्रियल पाॅलिसी के बाद भी प्रशासन इंडस्ट्रियल एरिया में चेंज आफ लैंड यूज की परमिशन नहीं देगा। केवल आईटी और इससे जुड़ी एक्टिविटी, सर्विस स्टेशन, वेयरहाउस की परमिशन हीं इंडस्ट्रियल एरिया में दी जाएगी।

प्रशासन ने होम मिनिस्ट्री को भेजे जवाब में कहा है कि चेंज आफ लैंड यूज से इंडस्ट्रियल एरिया के इफ्रास्ट्रक्चर पर बोझ बढ़ेगा। केवल उन्हें प्लाट्स में कमर्शियल एक्टिविटी की जा सकती है जिन्होंने कनवर्जन कराया हुआ है।

कनवर्टिड प्लाट ओनर एसोसिएशन ने इंडस्ट्रियल एरिया में इन सर्विससेज को शुरू करने का स्वागत किया था लेकिन साथ ही अनुरोध किया था कि उनके हितों का भी ख्याल रखा जाए। क्योंकि उन्होंने कनवर्जन पालिसी के तहत करोड़ों रुपये कनवर्जन फीस दी है। इसके बाद प्रशासन ने होम मिनिस्ट्री को भी जवाब भेज दिया है कि एमएसएमईडी एक्ट में चेंज आफ लैंड यूज की परमिशन नहीं दी जाएगी।

एसोसिएशन ने कहा था किचेंज आफ लैंड यूज की परमिशन कैसे दी जा सकती है। प्रशासन ने होम मिनिस्ट्री को लिखा है कि वह इंडस्ट्रियल एरिया में नई पालिसी को लागू कर रहा है लेकिन शहर के अलाटमेंट रूल्स के अनुसार चेंज आफ लैंड यूज की परमिशन नहीं दी जा सकती। अभी भी कनवर्जन कराने वाले कई प्लाट खाली पड़े है।

चेंज आॅफ लैंड यूज जरूरी

कनवर्टिडप्लाट अोनर एसोसिएशन ने एडवाइजर को दिए ज्ञापन में कहा था कि इंडस्ट्रियल एरिया में मैन्युफैक्चरिंग साइट्स में होटल और शापिंग माल, आफिस स्पेस की परमिशन कैसे दी जा सकती है। इसके लिए चेंज आॅफ लैंड यूज जरूरी है। बगैर चेंज आफ लैंड यूज के इसे वायलेशन माना जाए।

एसोसिएशन का कहना है कि एमएसएमईडी एक्ट चंडीगढ़ में 2006 से लागू है। इस एक्ट के अंतर्गत कई यूनिट रजिस्टर्ड है। इस एक्ट के अंतर्गत मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस इंडस्ट्री की रजिस्ट्रेशन की जा रही है। प्रशासन के होम सेक्रेटरी अनुराग अग्रवाल के अनुसार इंडस्ट्रियल एरिया में अपनी मर्जी से एक्टिविटी नहीं की जा सकती। एमएसएमई एक्ट को लेकर लोकल बिल्डिंग बायलाज को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

Source: DainikBhaskar.com