गिरिराज ने कहा कि महिला कॅायर योजना 100% महिला उन्मुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य कॉयर उत्पादन क्षेत्रों में ग्रामीण महिलाओं के कारीगरों को स्व रोजगार प्रदान कराना है।
इस योजना में मोटरयुक्त राफ्ट / मोटर चालित पारंपरिक राट और अन्य कॉयर प्रसंस्करण उपकरणों के वितरण की सहायता होती है। जो कि 75% सब्सिडी पर 2 महीने की अवधि के प्रशिक्षण के बाद दिया जाएगा, जिसकी अधिकतम राशि 7,500 रुपये है।
महिला कॅायर योजना के जरिए प्रशिक्षण देने के लिए इसे बोर्ड के सभी ट्रेनिंग केंद्रों से जोड़ा गया है। प्रशिक्षण अवधि के दौरान, महिला कारीगरों को प्रति माह 1000 रुपये की राशि भी दी जाती है।
यह योजना कॅायर उत्पादन वाले तटीय राज्य केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, गुजरात, पांडिचेरी, अंडमान और निकोबार आइलैंड्स, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रचलित है।
अभी तक इस योजना के तहत इस साल 1658 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है और 137 राट भी वितरित की गईं हैं।