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हरियाणा सरकार ने खादी को बढ़ावा देने के लिए बनाई टेक्सटाइल पॉलिसी

हरियाणा ने टेक्सटाइल सेक्टर में बड़ी छलांग लगाने की तैयारी कर ली है। राज्य सरकार ने इस विशेष सेक्टर के लिए टेक्सटाइल पॉलिसी 2017 तैयार कर ली है और इसके जरिए प्रदेश में 50 हजार लोगों के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलने का खाखा बनाया गया है।

पॉलिसी का उद्देश्य प्रदेश को ग्लोबल लेवल पर टेक्सटाइल इंडस्ट्री लगाने के लिए पसंदीदा स्थल बनाने का है। सरकार ने इस पॉलिसी के जरिए टेक्सटाइल सेक्टर में 5000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने का टारगेट फिक्स किया है जबकि सेक्टर में 50,000 नए रोजगार सृजित करने का भी लक्ष्य है।

इस नीति के जरिए जहां इस सेक्टर के ढांचागत विकास की तरफ ध्यान दिया जाएगा वहीं नए टेक्सटाइल पार्क बनाने और स्किल डिवेलपमेंट के लिए सुविधाएं बढ़ाने की तरफ ध्यान दिया जाएगा। नीति की अवधि के दौरान 20 फीसदी कंपाउंड ऐनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से टेक्सटाइल एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना और विकास में पिछड़े इलाकों पर विशेष ध्यान देना है।

क्या है पॉलिसी में

एचएसआईआईडीसी पांच फीसदी की वार्षिक वृद्घि के साथ 33 साल के लिए इंडस्ट्रियल प्लॉटों की पेशकश करेगा। औद्योगिक विकास के लिए पंचायती जमीन भी पट्टे पर दी जाएगी। प्रदेश में वस्त्र उद्योग के विस्तार को बढ़ावा देने के लिए श्रमिक आवास और निर्मित शेड (पट्टा आधार पर) दिए जाएंगे। शेड के प्रावधान के साथ गार्मेंट यूनिटों के लिए विशेष तौर पर टेक्सटाइल पार्क बनाए जाएंगे।

नई तकनीक हासिल करने वाले कपड़ा उद्यमों को मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय संस्थानों से टेक्नॉलजी लेने पर लागत की 50 फीसदी वित्तीय सहायता दिलवाई जाएगी जो कि अधिकतम 25 लाख रुपये तक होगी। ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी खंडों में सभी श्रेणियों के उद्यमों के ईडीसी लिए शत-प्रतिशत जबकि ‘ए’ तथा ‘बी’ श्रेणी खंडों में 50 फीसदी माफ होंगे। ‘बी’, ‘सी’ तथा ‘डी’ श्रेणी खंडों में नए उद्यमों के लिए नया बिजली कनैक्शन जारी होने की तारीख से 10 साल के लिए जबकि ‘ए’ श्रेणी खंडों में पांच साल के लिए शत-प्रतिशत बिजली शुल्क माफ होंगे।

राज्य सरकार इकाइयों के लिए सस्ती दरों पर जमीन उपलब्ध करवा कर डायर्स और प्रोसेसर्ज की पुनर्स्थापना को बढ़ावा देगी। इसके अतिरिक्त, सिंगल विंडो क्लियरेंस के तहत सीएलयू क्लियरेंस जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी। इसके अतिरिक्त, सरकार प्रोसेसिंग तथा औद्योगिक इस्तेमाल के लिए टेक्सटाइल इंडस्ट्री के क्लस्टर को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों से तृतीयक उपचारित पानी (अल्ट्रा फिलटरेशन तथा आरओ ट्रीटमेंट के बाद) की सप्लाई के लिए पानी की पाइप लाइन बिछाएगी।

हिसार में बनेगा टेक्सटाइल पार्क: 

उन्होंने बताया कि पानीपत में एक अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता जांच केंद्र की मांग को पूरा करने के लिए पुराने औद्योगिक क्षेत्र पानीपत में टेक्सटाइल गुड्स के लिए मौजूदा गुणवत्ता अंकन केन्द्र को वैश्विक मानकों पर अपग्रेड किया जाएगा। हिसार जिले के हांसी में टेक्सटाइल पार्क स्थापित किया जाएगा। इस पार्क में जिनिंग व स्पीनिंग के लिए पहले से मजबूत अवसंरचना के संवर्धन के लिए वीविंग, साइजिंग तथा गारमेंटिंग एंटरप्राइजिज होंगे।

इस नीति के तहत भिवानी में टीआईटीएस के सहयोग से एक सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर टेक्सटाइल स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। यह केन्द्र अनुसंधान एवं विकास, कपड़े की जांच तथा मूल्यांकन, गुणवत्ता प्रमाणन, तकनीकी तथा परामर्शी सेवाओं को प्रोत्साहित करेगा।

खादी को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा खादी संस्थानों के लिए मामूली दरों पर रिटेल स्पेस को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए पर्यटन स्थलों, हवाईअड्डों तथा रिटेल हब जैसे स्थानों का इस्तेमाल किया जाएगा।

Source: Economic Times