द हिन्दू की एक ख़बर के अनुसार बैंक के कार्ड, रिटेल, एमएसएमई ऋण और वित्तीय समावेशन के प्रमुख हरजीत तूर ने कहा है कि वह इस बैंक के बेहतर विकास से संतुष्ट हैं।
उन्होंने कहा कि यह भी सच है कि ये आंकड़े इसलिए अच्छे दिख रहे हैं क्योंकि आधार छोटा है। उन्होंने कहा कि आरबीएल कार्ड के 90 फीसदी ग्राहक दूसरे बैंकों से हैं।
वित्तीय समावेशन (सूक्ष्म-वित्त) पहल पर तूर ने कहा कि बैंक 13 बैंकों में 10 बैंकिंग संवाददाताओं के माध्यम से काम कर रहा है। उन्होंने 13.7 लाख ग्राहकों को 2,169 करोड़ रुपये के बुक साइज़ के साथ काम किया है।
उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री लेवल पर माइक्रो फाइनेंस लोन का लगभग 15 फ़ीसदी (लगभग 15 हज़ार करोड़) विमुद्रीकरण से प्रभावित हुआ था। रुरल सेक्टर के बिगड़ने से उनके बैंक के ग्राहकों को नुकसान हुआ था।