द कॉटन टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (टेक्सप्रोसिल), द साउथर्न इंडिया मिल्स एसोसिएशन (सिमा) और तिरुपुर एक्सपोर्टस एसोसिएशन (टीईए) सहित प्रमुख वस्त्र और परिधान उद्योग समूह ने सेक्टर के लिए घोषित जीएसटी दरों का स्वागत किया है। जीएसटी बिल देश में 1 जुलाई से लागू किया जाएगा।
जीएसटी परिषद ने सभी प्राकृतिक फाइबर कपास, सूती धागा, कपडा और रेडीमेड कपडे जिनकी कीमत 1 हजार रुपये से कम है, के लिए 5 प्रतिशत जीएसटी दर रखी है। और जिनकी कीमत 1 हजार रुपये से अधिक है उनको 12 फीसदी जीएसटी दर, कृत्रिम या मानव निर्मित फाइबर और सिंथेटिक धागे को 18 फीसदी टैक्स स्लैब और फैब्रिक को 5 प्रतिशत जीएसटी दर के तहत वर्गीकृत किया गया है।
टेक्सप्रोसिल के अध्यक्ष उज्जल लाहोटी ने सूती धागे और कपड़े पर 5 प्रतिशत जीएसटी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सूती वस्त्रों के लिए 5 प्रतिशत की दर बहुत प्रगतिशील है इससे सेक्टर का विकास होगा।
उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री ने दर कम रखने के लिए परिषद के सुझाव को स्वीकार किया। ताकि अनुपालन सुनिश्चित हो सके और किसानों को अधिक कपास पैदा करने में प्रोत्साहन मिले।
उन्होंने कहा कि कम दर से इस क्षेत्र पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। वहीं भारत दुनिया के कपड़ा बाजारों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा।
SIMA के अध्यक्ष एम सेंथिलकुमार ने कहा कि कपास के फाइबर पर 5 फीसदी जीएसटी दर का लाभ 20 मिलियन से अधिक कपास किसानों को होगा। और किसानों का आय में बढ़ोत्तरी होगी।
टीईए के अध्यक्ष राजा एम शैनमुगम ने कहा कि यह मुख्य रूप से कपास आधारित कपड़ा उद्योग को विकसित करने में मदद करेगा। इससे निर्यात में वृद्धि देखने को मिलेगी।
Inputs: Fibre2fashion.com