एनडीए सरकार ने अपने तीन सील के कार्यकाल को पूरा कर लिया है। एसोचैम ने सरकार के अब तक के कार्यकाल पर किये गए सर्वे में कहा है कि जीएसटी बिल जिसे एक देश एक टैक्स भी कहा जाता है को लागू करने के अंतिम दौर में है। जिससे अर्थव्यवस्ता को गति मिलेगी।
एसोचैम ने वित्तीय समावेशन, डिजिटलीकरण व बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश, रेलवे और बिजली वितरण को भी सरकार की उपल्ब्धि बताया है।
एसोचैम ने अपनी रिपोर्ट में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के लिए होलसेल व थोक स्तर दोनों पर मुद्रास्फीति को सकारात्मक बताया है।
एसोचैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा निर्धारित चार फीसदी के लक्ष्य के भीतर कीमतें बढ़ीं है। और सेंट्रल बैंक ब्याज दरों को भी कम रखने में सफल रहा है, हालांकि निजी क्षेत्र में क्रेडिट ऑफ-लेवल अभी भी बना हुआ है एक सरकार के लिए एक चुनौती है।
एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने कहा, अगामी समय में जीएसटी के लागू होने के बाद सरकार की अन्य प्रमुख योजनाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा जीएसटी से टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता आयेगी और अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
चैंबर ने कहा कि दालों, प्याज और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें, जो सुर्खियों में आती हैं, इनकी कीमतों में पिछले 12-18 महीनों में गिरावट आयी है। वहीं सब्सिडी वितरण प्रक्रिया को सरकार की बड़ी सफलता बताया गया है। सरकार आधार कार्ड को बैंक खाते से जोड़ने के लिए भी कह रही है।
गौरतलब है कि जीएसटी परिषद की श्रीनगर में आयोजित हुयी 14वीं बैठक में सेवाओं के निर्धारण और 1211 वस्तुओं के लिए जीएसटी कर दर की घोषणा की गई। जीएसटी देश भर में एक जुलाई से लागू किया जाएगा। अभी तीन जून को होने वाली बैठक में सोना व बीड़ी सहित अन्य छह वस्तुओं की दरों को तय किया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 372 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इससे रुपये की कामतों में इजाफा हुआ है। रक्षा, बीमा, बुनियादी ढांचा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के लिए खोलने के बाद बीते तीन सालों में देश को 100 अरब डॉलर का शुद्ध एफडीआइ मिला है। फिलहाल बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) की समस्या अभी भी बरकरार है।