बैंकिंग कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद सरकार एक अन्य कदम पर विचार कर रही है। इसके तहत बढ़ते फंसे कजरें यानी एनपीए की समस्या से त्वरित समाधान के लिए सरकार केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को घाटे वाली परियोजनाओं का परिचालन अपने हाथों में लेने की अनुमति ले सकती है। समस्याग्रस्त […
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NPA पॉलिसी का एलान जल्द, बैंकों के प्रॉफिट पर पड़ सकता है असर
बढ़ते एनपीए से परेशान फाइनेंस मिनिस्ट्री और आऱबीआई, नई एनपीए पॉलिसी का जल्द एलान कर सकते हैं। जिसके तहत कई ऐसे अहम प्रावधान किए जा सकते हैं। जिसमें हेयरकट (जितना अमाउंट जितना कर्जदार देने में सक्षम उतना ही स्वीकार कर लिया जाय) जैसे प्रावधान किया जा सकता है। बैंकों की इस बात की आशंका है […]…
NPA की हकीकत: बैंकों के डूबते कर्ज का उद्योगों से लेकर हर किसी की जिंदगी पर असर
‘बैड डेट’, ‘एनपीए’ या ‘स्ट्रेस लोन’ जैसे शब्द आजकल आम आदमी की जुबान पर भी आ गए हैं. और ये तथ्य देश के बैंकिंग सेक्टर की डरावनी असलियत को बताने के लिए काफी है. दरअसल, पिछले कुछ सालों में बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स यानी एनपीए इतनी तेजी से बढ़े हैं कि अब इन पर चर्चा सिर्फ […]
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60 साल के मुकाबले 2016-17 में सबसे कम बढ़ी बैंकों की लोन देने की रफ्तार
वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक क्रेडिट की वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत रही जो 60 साल में सबसे कम है। इसका कारण सरकारी बैंकों पर फंसे कर्ज का बढ़ता बोझ है जिससे वो लोन देने में काफी एहतियात बरत रहे हैं। इससे पहले लोन वृद्धि की न्यूनतम दर का रिकॉर्ड साल 1953-54 का रहा जब यह […]
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देश का सर्विस एक्सपोर्ट फरवरी में 5.9% बढ़ा, इंपोर्ट में मामूली बढ़त
सेवा निर्यात फरवरी 2017 में एक साल पहले की तुलना में 5.9 फीसदी बढ़कर 13.06 अरब डॉलर रहा।2016 के इसी महीने में यह 12.33 अरब डॉलर था। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इसी दौरान सेवा आयात हल्की बढ़त के साथ 7.24 अरब डॉलर रहा। फरवरी 2016 में 7.19 अरब डॉलर मूल्य की सेवाओं का […]
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TReDS: How the system meant to help MSMEs get capital works
The Reserve Bank of India (RBI) has allowed three players to launch Trade Receivables Discounting System (TReDS) — a digital platform where small businesses (MSMEs) can get access to capital by auctioning their trade receivables. Here is a detailed explanation of the concept of TReDs: Q: What is …
Proactive RBI can help people understand microcredit biz: Satin Creditcare
New Delhi: A proactive role from RBI is needed in helping people distinguish between micro finance and chit funds, which are often confused as one, according to NBFC outfit Satin Creditcare. Microfinance credit served by non-banking financial companies (NBFCs) is typically about looking at the bo…
Impact of Make in India on MSMEs, job creation & FDI inflows under review
The Centre is working on a ‘compliance report” of its flagship ‘Make in India’ (MII) initiative that attempts to transform India into a global design and manufacturing hub as well as generate large-scale employment. The objective of the exercise, among other things, is to find out whether the gov…
एनएसई व बीएसई के SME प्लेटफॉर्म में मजबूती
देश के छोटे व मझोले उद्यम (एसएमई) अपनी बढ़त की खातिर रकम की जरूरत के लिए इक्विटी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उद्योग के जानकारों ने कहा कि सरकार और एक्सचेंजों की तरफ से की गई पहल एसएमई क्षेत्र को इक्विटी के जरिए रकम जुटाना ज्यादा आसान बना दिया है, जो मोटे तौर पर […]
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Cash crunch is easing, but Indian companies still see no hope of business as usual. Here’s why
Ghaziabad: Struggling with customers unable to pay on time and plummeting sales, small-business owner Ravi Jain fears the government’s crackdown on cash will have a much larger impact than predicted by top policymakers. Jain’s bath taps manufacturing firm Supreme, along with many othe…