इसके तहत केंद्र सरकार के विभागों में करप्शन कंट्रोल करने के लिए फेसलेस ट्रांजैक्शन करने की तैयारी है।
जिससे कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आम आदमी को किसी सरकारी कर्मचारी से मिलने की जरूरत ही नहीं पड़े। सब कुछ बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के पूरा हो जाय।
केंद्र सरकार करप्शन को रोकने के लिए गवर्नमेंट सर्विसेज की डिलिवरी के लिए सरकारी कर्मचारियों का दखल खत्म करना चाहती है। यानी जो भी सर्विसेज लोगों को चाहिए, उसके लिए उसे सरकारी अधिकारी के पास जाने की जरूरत ही नहीं पड़े। इसे ही सरकार फेसलेस ट्रांजैक्शन के रुप में डेवलप करना चाहती है।
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से मिली जानकारी के अनुसार, मिनिस्ट्री ने इसके लिए एक ई-गवर्नेंस सर्विस मैच्योरिटी मॉडल का ड्रॉफ्ट तैयार किया है। जिसमें फेसलेस ट्रांजैक्शन का मॉडल तैयार करने की बात कही गई है।
क्या है प्लान?
ड्रॉफ्ट पेपर के अनुसार सरकार तीन तरह की कैटेगरी के जरिए गवर्नमेंट सर्विसेज पहुंचाना चाहती है।
1-कैशलेस ट्रांजैक्शन, 2-पेपरलेस ट्रांजैक्शन, 3-फेसलेस ट्रांजैक्शन
कैशलेस ट्रांजैक्शन के तहत पेमेंट गेटवे, ई-वॉलेट, ई-केवाईसी, यूपीआई सर्विसेज को शामिल किया जाएगा।
पेपरलेस ट्रांजैक्शन के तहत डिजिटल लॉकर, ई-सिग्नेचर, ई-फॉर्म, ई-फाइलिंग, रिकॉर्ड्स को डिमैटेरियलाइज्ड करना।
फेसलेस ट्रांजैक्शन के तहत आधार लिंकेज, ई-केवाईसी, डिजिटल ट्रांजैक्शन, ई-सिग्नेचर, मोबाइल आधार डिजिटल पहचान।
कभी भी, कही भी मिलेगी सर्विसेज
ड्रॉफ्ट पेपर के अनुसार सरकार फेसलेस ट्रांजैक्शन के लिए एक ऐसा मॉडल तैयार करना चाहती है, जिसमें गर्वनमेंट से जुड़ी सर्विसेज जरूरत पड़ने पर किसी भी जगह किसी भी समय आसानी से उपलब्ध हो। जिसके लिए सरकार के लोगों तक आम-आदमी को पहुंचने की जरूरत नहीं पड़े।
इसके लिए ही एक स्टैण्डर्ड मॉडल तैयार करने की प्लानिंग है, जिसमें कैशलेस, पेपरलेस और फेसलेस ट्रांजैक्शन का पूरा खाका तैयार होगा।
Source: Money Bhaskar