सरकार ने GST ट्विटर हैंडल किया शुरू, नई टैक्स नीति के बारे में पूछ सकते हैं सवाल


केंद्र सरकार गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लेकर लोगों की राय मांग रही है। इसके लिए सरकार की तरफ से एक नया ट्विटर हैंडल बनाया गया है। @askGST_GoI नाम से बनाए गए इस ट्विटर हैंडल पर कोई भी जीएसटी को लेकर प्रश्न पूछ सकता है और अपनी शंका जाहिर कर सकता है। सरकार जीएसटी […]


sap-gstकेंद्र सरकार गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लेकर लोगों की राय मांग रही है। इसके लिए सरकार की तरफ से एक नया ट्विटर हैंडल बनाया गया है।

@askGST_GoI नाम से बनाए गए इस ट्विटर हैंडल पर कोई भी जीएसटी को लेकर प्रश्न पूछ सकता है और अपनी शंका जाहिर कर सकता है। सरकार जीएसटी को 1 जुलाई से लागू करने की तैयारी कर रही है।

ट्विटर हैंडल पर पूछ सकते हैं सवाल

इस ट्विटर हैंडल पर पूछे गए प्रश्नों का जवाब सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के अधिकारी देंगे। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। इस ट्विटर हैंडल पर ट्रेडर्स से लेकर आम आदमी तक जीएसटी के बारे में अपने सवाल पूछ सकते हैं। इससे पहले, जीएसटी को लेकर ट्विटर पर पूछे जाने वाले सवाल और क्वैरी का समाधान रेवेन्यू सेक्रेटरी हंसमुख अदिया करते थे।

रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती

इससे पहले जीएसटी काउंसिल ने इस नई टैक्स नीति के तहत दरें तय कर दी हैं। इसमें जीएसटी लागू होने के बाद रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों में साबुन से लेकर टूथपेस्ट तक सस्ता होगा, लेकिन सबसे बड़ा फायदा सस्ती बिजली मिलने का के रूप में मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। तय हुई जीएसटी दरों में हेयर ऑयल, साबुन और टूथपेस्ट को 18 फीसदी पर रखा गया है। अभी इन सामानों पर 28 फीसदी की दर से टैक्स लग रहा है। इससे यह सामान सस्ते हो जाएंगे।

11 राज्यों को मिल चुकी है जीएसटी मंजूरी

उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश की विधानसभाओं समेत 11 राज्य जीएसटी बिल को मंजूरी दे चुके हैं। जीएसटी लागू होने से पहले सरकार चाहती है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम विभाग में लम्बित सभी टैक्स संबंधी मुकदमें निपटा लिए जाएं। इसके लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री एक विशेष टीम बनाने जा रही है, जो इस काम को करेगी।

एक देश एक टैक्स की ओर बढ़ेगी व्यवस्था

जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में एक टैक्स रिजीम लागू हो जाएगी। कारोबार देश के किसी भी कोने से कारोबार शुरू कर देश के दूसरे कोने तक माल भेज सकेंगे। राज्यों के बीच बने हुए चेक पोस्ट खत्म होने से कारोबारियों के माल की आवाजाही में अब कम समय लगेगा। इससे उनकी लागत में कमी आएगी। यही नहीं वह देश के किसी भी हिस्से में अपना सामान स्टोर कर सकेंगे जिससे उनकी लॉजिस्टिक की लागत घटेगी।

Source: Money Bhaskar

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