17 अप्रैल को जारी हुई विश्व बैंक की दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था की रिपोर्ट में ये अनुमान लगाए गए हैं। विश्व बैंक का कहना है कि 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर और बढ़कर 7.5 फीसदी पर पहुंच जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी से छोटी और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है, वित्तीय क्षेत्र पर दबाव पड़ सकता है और साथ ही वैश्विक वातावरण में अनिश्चितता से आर्थिक वृद्धि को ‘उल्लेखनीय जोखिम’ का सामना करना पड़ सकता है। इसमें कहा गया है कि कच्चे तेल और अन्य की कीमतों में तेज वृद्धि का भी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
विश्व बैंक ने कहा कि निवेश कम रहने और नोटबंदी के प्रभाव की वजह से 2016-17 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहेगी। लेकिन 2017-18 में ये बढ़कर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
इसमें कहा गया है कि समय पर और सही तरीके से जीएसटी के क्रियान्वयन से 2017-18 में आर्थिक गतिविधियों को उल्लेखनीय लाभ मिल सकता है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर मामूली और बढ़कर 7.7 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
Source: News18