टेक्सटाइल इंडस्ट्री ने टेक्सटाइल मंत्रालय से अनुरोध किया है कि टेक्सटाइल जॅाब को सर्विस टैक्स के दायरे में ना रखा जाए। मंत्रालय का कहना है कि वह इसपे विचार करेगा।
टेक्सटाइल मिनिस्ट्री के संयुक्त सचिव ए मधुकुमार रेड्डी ने बताया है कि हम उद्योग की इस बात पर विचार कर रहे हैं।
मानव निर्मित फाइबर को 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब व कॅाटन टेक्सटाल को 5 फीसदी की जीएसटी दर में रखा गया है।
द टाइम्स आफ इंडिया में छपी एक खबर के अनुसार एक प्रश्न के जबाव में रेड्डी ने कहा है कि जीएसटी का कोई भी बुरा प्रभाव सेक्टर पर नहीं पड़ेगा। पहले सेक्टर को 14% उत्पाद शुल्क, सीएसटी और 4% वैट देना होता था। कुल मिलाकर पहले 18 फीसदी टैक्स सरकार को देना होता था।
उन्होंने कहा कि कपड़ा क्षेत्र में 5% की जीएसटी दर होने से उद्योगों से “सकारात्मक प्रतिक्रिया” देखने को मिली है।
टेक्सटाइल इंडिया 2017 के बारे में बताते हुए रेड्डी ने कहा कि आयोजन 30 जून से 2 जुलाई तक गुजरात के गांधीनगर में आयोजित होगा।
उन्होंने कहा कि यह एक अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह का उद्घाटन करेंगे।
रेड्डी ने बाताया कि विभिन्न देशों के प्रतिनिधि इस समारोह का हिस्सा होंगे। करीब 2,500 अंतर्राष्ट्रीय खरीददारों और 15,000 घरेलू खरीदारों के इस आयोजन में उपस्थिति होने की संभावना है।