GST/Textiles: टेक्सटाइल सेक्टर के लिए तय हुई जीएसटी दरें, सरकार ने एक सामान कर की माँग नहीं मानी


जीएसटी कौंसिल को 2 जून के बैठक में सरकार ने टेक्सटाइल सेक्टर की दरों पर फैसला ले लिया है। टेक्सटाइल को लेकर काउंसिल ने कई स्तरों पर फैसला लिया है। सिल्क और जूट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। कॉटन और नैचरल फाइबर पर 5 और मैनमेड फाइबर पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। यार्न पर 5 […]


Textile-GSTजीएसटी कौंसिल को 2 जून के बैठक में सरकार ने टेक्सटाइल सेक्टर की दरों पर फैसला ले लिया है। टेक्सटाइल को लेकर काउंसिल ने कई स्तरों पर फैसला लिया है।

सिल्क और जूट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। कॉटन और नैचरल फाइबर पर 5 और मैनमेड फाइबर पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। यार्न पर 5 पर्सेंट और मैनमेड यार्न पर 18 पर्सेंट टैक्स लगेगा। सभी तरह के फैब्रिक पर 5 पर्सेंट टैक्स लगेगा।

रेडिमेड गारमेंट्स को काउंसिल ने 12 पर्सेंट के स्लैब में रखने का फैसला लिया है।

1,000 रुपये से कम के गारमेंट्स पर 5 पर्सेंट का टैक्स लगेगा। एक हजार रुपए से ज्यादा के ब्रांडेड कपड़ों पर 12 फीसदी जीएसटी की दर तय हुई है।

1000 रूपये से अधिक के कपड़ों पर पहले एक्साइज और वैट मिलाकर 12 फीसदी ही टैक्स लगता था, ऐसे में इन कपड़ों की कीमतों में अंतर नहीं आएगा।

कपड़ा क्षेत्र की एक समान कर की मांग नहीं मानी

कपास और सिंथेटिक फाइबर पर सरकार ने एक समान जीएसटी लगाने की मांग को नकार दिया है। एक समान कर लगा कर सरकार गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ा सकती थी।

कॉटन के कपड़ों पर पहली बार 5 फीसदी और हैंडमेड कपड़ों पर 18 फीसदी टैक्स लगाया गया है, अब दोनों ही तरह के कपड़े महंगे हो जाएंगे।

केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने पत्रकारों से कहा, “हमने मीटिंग में नियमों पर चर्चा की और इन्हें मंजूरी दी। ट्रांजिशन नियमों को मंजूरी दे दी गई है और सभी ने 1 जुलाई से जीएसटी लागू किए जाने पर सहमति जाहिर की है।”

Inputs: Economic Times

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