GST: जानें, बैंकिंग सेवाओं के लिए चुकाना होगा कितना ज्यादा


बैंकिंग सेवाओं पर 18 पर्सेंट जीएसटी लागू किए जाने के फैसले से अब बैंकों में ट्रांजैक्शन फीस में इजाफा हो सकता है। 1 जुलाई से जीएसटी लागू किए जाने के बाद आपको बैंकों में अधिक चार्ज देने पड़ सकते हैं। बैंकिंग सेवाओं पर अब तक 15 पर्सेंट का सर्विस चार्ज लगता था। एक्सपर्ट्स का कहना है […]


GSTबैंकिंग सेवाओं पर 18 पर्सेंट जीएसटी लागू किए जाने के फैसले से अब बैंकों में ट्रांजैक्शन फीस में इजाफा हो सकता है। 1 जुलाई से जीएसटी लागू किए जाने के बाद आपको बैंकों में अधिक चार्ज देने पड़ सकते हैं। बैंकिंग सेवाओं पर अब तक 15 पर्सेंट का सर्विस चार्ज लगता था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्स की दर में 3 पर्सेंट की इस बढ़ोतरी का मतलब है कि बैंकिंग ट्रांजैक्शन के लिए अदा किए जाने वाले प्रति 100 रुपये में 3 रुपये का इजाफा हो जाएगा।

केपीएमजी के पार्टनर और इनडायरेक्ट टैक्स के हेड सचिन मेनन कहते हैं, ‘वित्तीय संस्थान इस बढ़े हुए चार्ज को कंपनियों से वसूल सकते हैं, जो बल्क में ट्रांजैक्शंस करती हैं। लेकिन, इंडिविजुअल्स को भी पहले से अधिक भुगतान करना होगा। हालांकि इससे बैंकिंग सेक्टर में मांग पर कोई कमी आने की संभावना नहीं है।’

सरकार ने जीएसटी टैक्स स्लैब के तहत 1211 आइटम्स पर दरें तय की हैं। 5 पर्सेंट से लेकर 28 पर्सेंट तक के 4 स्तरीय टैक्स स्लैब में दूध, अंडा, फल, सब्जी, फ्रेश मीट, स्टांप, फिश, चिकन, न्यायिक दस्तावेज, प्रिंटेड बुक्स और न्यूजपेपर्स को शामिल नहीं किया गया है। ज्यादातर वस्तुओं और सेवाओं को 18 पर्सेंट के स्लैब में रखा गया है।

फाइनैंशल सर्विसेज के साथ ही शराब परोसने वाले एसी होटलों, टेलिकॉम और आईटी सर्विसेज, ब्रैंडेड गारमेंट्स, फ्लेवर्ड रिफाइंड शुगर, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, पेस्ट्रीज और केक, प्रिजर्व्ड वेजिटेबल्स, सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड मिक्सेज, मिनरल वॉटर, टिशू, लिफाफे और नोटबुक्स जैसे आइटम्स को भी 18 पर्सेंट की कैटिगिरी में रखा गया है।

Source: Economic Times

No Comments Yet

Comments are closed