इंडियन स्टार्टअप्स को सरकार के समर्थन की जरूरत, सीधे वेबसाइट से खरीद को मिले मंजूरी: रिपोर्ट


उद्योग संघठन फिक्की की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में स्टार्टअप को फंड जुटाने, संपर्क बनाने व काम पर लोगों को रखने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार स्टार्टअप को इन विफलताओं को कम करने के लिए पर्याप्त समर्थन की आवश्यकता है। फिक्की की रिपोर्ट में कहा गया […]


education-startupउद्योग संघठन फिक्की की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में स्टार्टअप को फंड जुटाने, संपर्क बनाने व काम पर लोगों को रखने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार स्टार्टअप को इन विफलताओं को कम करने के लिए पर्याप्त समर्थन की आवश्यकता है।

फिक्की की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को स्टार्टअप के विकास के लिए मूल्यांकन व सही जांच के आधार पर डॅायरेक्ट फंडिंग देनी चाहिए व निवशकों को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। चूंकि भारत अब स्टार्टअप की दिशा में एक प्रमुख केंद्र बन गया है।

रिपोर्ट यूके के कमजोर स्टार्टअप ईकोसिस्टम पर आधारित है, जो कि भारत के विकाशील स्टार्टअप के लिए एक उदाहरण है।

भारत जैसे देश में साहसी उद्यमियों को देखा जा सकता है जो कि प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में तुलनात्मक रूप से अधिक जोखिम ले रहे हैं।

भारतीय स्टार्टअप  पूंजी जुटाने, संसाधनों की भर्ती व स्केल में बढ़ोत्तरी के लिए कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

फिक्की ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विफलताओं को कम करने और स्टार्टअप की गति में तेजी लाने के लिए स्टार्टअप को स्किल्ड बनाने की आवश्यकता है।

कॉर्पोरेट्स, स्टार्टअप के साथ एक संगठन के रुप में काम कर सकते हैं। प्रोक्योरमेंट के तहत बाजार उपलब्ध कराकर, एंटरप्रनरशिप को बल भी दे सकते हैं।

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि सरकार, स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट पर स्टार्टअप से सीधे खरीद को बढ़ावा देने की मंजूरी दे।

इसके अतिरिक्त सरकार को दुनियाभर में इनोवेशन हब के लिए व्यापार प्रतिनिधिमंडलों पर केंद्रित टेक्नोलॅाजी को बढ़ाना चाहिए।

प्रतिनिधिमंडलों को भारतीय और विदेशी इन्क्यूबेटरों के बीच समझौता होने व सफल परिणाम की तलाश है।

स्टार्टअप्स जो कि नवाचार और प्रौद्योगिकी को तेजी से बढ़ा रहे हैं, आज एक नए भारत की रीढ़ बन गए हैं। और सरकार के कार्यक्रमों जैसे डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया आदि को सफल बना रहे हैं।

Shriddha Chaturvedi

ख़बरें ही मेरी दुनिया हैं, हाँ मैं पत्रकार हूँ

No Comments Yet

Leave a Reply

Your email address will not be published.

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>


*