उत्तराखंड: औद्योगिक विकास में लगेगा ‘डबल इंजन’


उत्तराखंड का औद्योगिक विकास अब ‘डबल इंजन’ से जुड़ेगा। इसके लिए सरकार ने मेगा योजना बनाई है। औद्योगिक विकास को गति देकर पहाड़ से पलायन रोकना भी इस रणनीति में शामिल है। इस संबंध में सरकार ने पहली बार आठ समितियों का गठन किया है। समितियां मुख्य सचिव की अध्यक्षता और प्रमुख सचिव एमएसएमई की […]


MSME sectors in Bengalउत्तराखंड का औद्योगिक विकास अब ‘डबल इंजन’ से जुड़ेगा। इसके लिए सरकार ने मेगा योजना बनाई है। औद्योगिक विकास को गति देकर पहाड़ से पलायन रोकना भी इस रणनीति में शामिल है।

इस संबंध में सरकार ने पहली बार आठ समितियों का गठन किया है। समितियां मुख्य सचिव की अध्यक्षता और प्रमुख सचिव एमएसएमई की निगरानी में प्रदेश भर में क्षेत्र की विशेषताओं के आधार पर विकास का रोड मैप तैयार करेंगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इसकी समीक्षा करेंगे। यह रिपोर्ट इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सहयोग से तैयार की जा रही है।

उत्तराखंड गठन और केंद्र से औद्योगिक पैकेज मिलने के बावजूद न केवल बड़ी बल्कि एमएसएमई सेक्टर की इंडस्ट्रीज भी विकसित नहीं हो पाई हैं। यहां तक कि सरकार ने हिल पॉलिसी बनाई। इसके बाद एमएसएमई पॉलिसी तैयार की लेकिन पहाड़ों में आज भी वीरानी है। सरकार ने इस वीरानी को खत्म करने, छोटे उद्योगों से लोगों को जोड़कर पलायन रोकने के लिए मेगा प्लान बनाया है। इसका नोटिफिकेशन जारी होने वाला है।

इस योजना के तहत प्रदेश में मुख्य सचिव एस रामास्वामी की अध्यक्षता में आठ विशेष समितियां बनाई गई हैं। इस समिति में उद्योगपति, स्थानीय स्तर पर काम करने वाले लोग, समाजसेवी शामिल होंगे। समिति छह सेक्टर को आधार बनाकर प्रदेश में एमएसएमई इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने की संभावनाएं तलाश करेगी। यह संभावनाएं दो तरह की होंगी। पहली तो फौरी तौर पर विकास कराने वाली और दूसरी भविष्य की संभावनाएं।

प्रमुख सचिव एमएसएमई मनीषा पंवार की निगरानी में सभी समितियां अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेंगी। पहली बार किसी सरकार ने ऐसे किसी भी विकास मॉड्यूल को दो महीने का समय दिया है। निर्धारित समय के भीतर ही पूरा काम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सहयोग से पूरा किया जाएगा।

समिति में आला अधिकारियों की निगरानी
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी आठ समितियों की संपूर्ण निगरानी प्रमुख सचिव एमएसएमई मनीष पंवार को दी गई है। इसके अलावा हर समिति में एक प्रभारी अधिकारी होगा। यह प्रभारी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी होंगे।

इन सेक्टर में होगा समितियों का सर्वे 
एग्रीकल्चर एंड एलाइड प्रोडक्ट्स
हेल्थ, वेलनेस, आयुष, योगा और मेडिटेशन
इंडस्ट्रीज, आईटी, नॉलेज बेस्ड इंडस्ट्रीज
एजुकेशन, मानव संसाधन, स्किल डेवलपमेंट
टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी
इंफ्रास्ट्रक्चर (सड़क, विद्युत आदि)

सेक्टर में बांटकर होगा विकास 
समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश को सेक्टर में बांटकर वहां की उपलब्धता और विशेषताओं के आधार पर सरकार विकास करेगी। मसलन, अगर कहीं हॉस्पिटेलिटी सेक्टर का अच्छा स्कोप है तो वहां सरकार उसी हिसाब से युवाओं को इससे जोड़ेगी।

इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा, “हमने सभी समितियों के लिए जिन मुद्दों पर काम करना है, जिन लोगों से बात करनी है, जो संभावनाएं तलाशनी हैं, उन सभी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जल्द ही शासन से इसका नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा और उसके दो माह के भीतर हम पूरी रिपोर्ट सीएम के सामने रखेंगे।”

Source: Amar Ujala

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