लघु एवं मध्यम उद्योगों की हालत सुधारने का रास्ता साफ हो सकता है। प्रदेश के पहले फाइनेंसियल फैसिलिटेशन सेंटर के रूप में कानपुर को बड़ी सौगात मिलने जा रही है। प्रदेश के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की सहमति मिल चुकी है।
लघु एवं मध्यम उद्योगों को वित्तीय मदद व संबंधित अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार का एमएसएमई मंत्रालय फाइनेंसियल फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित करता है।
प्रदेश की पिछली सरकार ने उद्योग नीति बनाकर उद्योगों के सुधार पर जोर तो बहुत दिया लेकिन धरातल पर कुछ खास नहीं उतर सका। स्थिति यह है कि इतने बड़े उप्र में एक भी फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित नहीं हो सका। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद केंद्र की योजनाओं का लाभ यहां दिलाने की कसरत तेज हो गई है।
इसी के तहत गुरुवार को प्रदेश के खादी ग्रामोद्योग, रेशम वस्त्रोद्योग, एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सत्यदेव पचौरी ने दिल्ली में आयोजित एमएसएमई बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव रखा कि कानपुर, नोएडा और बनारस में फाइनेंसियल फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किए जाएं।
पचौरी ने बताया कि कानपुर में सेंटर की स्थापना को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। अब स्थापना के संबंध में अन्य औपचारिकताओं की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह प्रदेश का पहला फाइनेंसियल फैसिलिटेशन सेंटर होगा।
उद्योगों को मिलेंगी ऐसी सुविधाएं
– अपनी क्रेडिट पर सरकार दिलाएगी निर्धारित लोन
– उद्योगों और बैंक के बीच बेहतर समन्वय
– ट्रेड प्रमोशनल एक्टिविटी
– नीति निर्धारकों और स्टेक होल्डर के साथ संवाद सत्र
– रुग्ण औद्योगिक इकाइयों को पुनर्जीवित करने का प्रयास।
Source: Jagran.com