सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए नकद ऋण सीमा यानी रोजमर्रा के जरूरतों के लिए ऋण सीमा को कारोबार के 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने यह जानकारी देते हुए कहा कि एेसे उपक्रमों को कारोबार को डिजिटल तरीके से करने को प्रोत्साहन देने के लिए यह कदम उठाया गया है।
मेघवाल ने बजट 2017-18 की कुछ चीजों को समझाते हुए कहा कि हमने नकद ऋण सीमा को कारोबार के 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
मद्रास मैनेजमेंट एसोसिएशन के कार्यक्रम में मेघवाल ने कहा, “बैंक और वित्तीय संस्थान नकद ऋण सीमा की गणना कारोबार के हिसाब से कर रहे हैं। हमने फैसला किया है कि यदि एमएसएमई अपना कारोबार डिजिटल तरीके से करते हैं तो उनके लिए नकद ऋण सीमा को 30 प्रतिशत किया जाए। यह एक बड़ा कदम है।”
उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन से कंपनियों का बही खाता साफ-सुथरा होगा और एमएसएमई को बैंक ऋण आसानी से मिल सकेगा। एमएसएमई से करों की गणना पर मेघवाल ने कहा कि सरकार फिलहाल इसकी गणना दो करोड़ रूपये के कारोबार पर आठ प्रतिशत की दर से कर रही है।
Source: Outlook