एमएसएमई मिनिस्टर कलराज मिश्र ने कहा है कि नोटबंदी के कारण एसएमई सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नकद कमी के चलते लघु का उधोगों को व्यापारिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे उनकी उत्पादन क्षमता में गिरावट हुयी है। 2016 में मंत्रालय द्वारा प्राप्त की गयी उपलब्धियां गिनातें हुए मंत्री ने कहा कि सरकार के इस फैसले से प्रारंभ में दिक्कतें हुई थीं, लेकिन हम स्थिति को सामान्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
मजदूरी न मिलने से परेशान मजदूरों को वेतन अब मिलने लगा है और प्रवासी मजदूर काम पर वापस लौट रहे हैं। बैंको द्वारा नोटबंदी के कारण मुद्रा योजना के तहत लोन मिलने में आ रही दिक्कतों के बारे में बात करते हुए कलराज मिश्र ने कहा कि नकदी कमी के चलते यह समस्या कुछ समय के लिए ही है। बैंक को चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत 1.80 लाख करोड़ रुपये तक ऋण वितरित करने की उम्मीद हैं। पिछले साल इस योजना के जरिए लगभग 3.5 करोड़ लोगों को 1.22 लाख करोड़ रुपये तक का लोन मिला है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमियों को तीन श्रेणियों में 50,000 से 10 लाख रुपये से तक का ऋण मिलता है।
खादी के बढ़ते बाजार को प्रोत्साहित करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार खादी को बढ़ाने के लिेए वैश्विक बाजार में पकड़ को मजबूत करने पर जोर दे रही है और स्वदेशी कपड़े के प्रति युवाओं को आकर्षित कर रही है। सरकार भारत में अधिक शोरुम खोलने के लिए फ्रैंचाइजी मॉडल अपनाने की कोशिश कर रही है। साल 2015-16 में खादी का व्यापार 1,510 करोड़ रुपये रहा जिससे खादी की व्यापारिक वृद्धि में 29 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज हुयी है।
जीएसटी के बारे में मिश्रा ने कहा कि इस बहुप्रतीक्षित बिल से देश भर के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को फायदा होगा।