मुंबई: खादी विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन (केवीआईसी) द्वारा प्रकाशित साल 2017 के कैलेंडर और टेबल डायरी में अब गांधी जी की जगह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिखायी देंगे।
अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी भी 12 जनवरी को जारी हुए कैलेंडर और डायरी पर गांधी जी की कवर फोटो की जगह पीएम मोदी की तस्वीर उन्हीं के अंदाज में चरखा बुनते हुए देखकर हैरान रह गए।
अपने साप्ताहिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में मोदी लम्बे समय से खादी को बढ़ावा देने की बात करते नजर आ रहें हैं। अपने संदेशों में उन्होंने लोगों से हर महीने कम से कम एक खादी के उत्पाद खरीदने के लिए भी कहा है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के सूत्रों के मुताबिक मोदी द्वारा खादी को बढ़ावा देने के बाद इसकी बिक्री में 38 फीसदी की वृद्धि हुयी है।
आम आदमी के दिमाग में वर्षों से पारंपरिक कपड़ो में चरखे से सूत कातने वाली गांधी की तस्वीर छपी हुयी थी।लेकिन अब गांधी की जगह प्रधानमंत्री मोदी की फोटो खादी का कुर्ता पायजामा व जैकेट पहने हुए उन्ही के अंदाज में मार्डन चरखे पर सूत कातते नजर आएगी।
केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, “यह एक सामान्य फैसला है ऐसा पहले भी हो चुका है। पूरा खादी उद्योग गांधी जी के आदर्शें और विचारों पर आधारित है वह खादी ग्राम उद्योग की आत्मा हैं, उनको अनदेखा करने का सवाल ही नहीं उठता है।”
उन्होंने आगे कहा, “मोदी जी ने लम्बे समय से खादी को पहनने पर जोर दिया है। यह आज जनता और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के बीच भी लोकप्रिय है। मोदी जी की अपनी शैली भी खादी के आसपास विकसित है।
सक्सेना ने कहा कि मोदी जी खुद ही खादी के बड़े एंबेसडर हैं और उनका सपना, खादी उद्योग के साथ मेक इन इंड़िया और कौशल विकास योजनाओं के जरिए गांवों को आत्मनिर्भर बनाकर रोजगार उत्पन्न करना है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी एक युवा आइकन हैं। लेकिन सोर्सेज के अनुसार, केवीआईसी के इम्प्लॉइज में मैनेजमेंट के इस फैसले के खिलाफ नाराजगी है।
मोदी के रेगुलर खादी परिधान पहनने के कारण पहले से ही “मोदी कुरता” नाम से एक खादी परिधान अनाधिकारिक रूप से उनके नाम है।
2 अक्टूबर को गांधी जी की जयंती से लेकर और 30 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि तक, चार महीने के लिए केवीआईसी ने स्पेशल प्रमोशनल ऑफर्स भी लॉन्च किये हैं। केवीआईसी देशभर में खादी की बिक्री बढ़ाने के लिए यह फैसला किया है।