गुजरात चैंबर आफ कॅामर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) ने Arbitration, Mediation, Conciliation and Alternate Dispute Resolution Centre (जीसीसीआई-एडीआरसी) नाम से समाधान केंद्र की स्थापना करने की घोषणा की है। चैंबर का उद्देश्य केंद्र के जरिए उद्यमों के विवादों का निदान करना जिससे वे तरक्की कर सकें। इंडस्ट्री बॅाडी इसके लिए 40 से 50 सदस्यों की एक टीम बनायी है। जिसमें उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज, वरिष्ठ अधिवक्ता, और तकनीकी उद्योग विशेषज्ञ शामिल हैं।
जीसीसीआई के अध्यक्ष बिपिन पटेल ने कहा है कि बिना कोर्ट जाए विवादों का निपटारा करने में समाधान केंद्र अपनी भूमिका अदा करेगा। न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं के अलावा, उचित निर्णय सुनिश्चित करने के लिए उद्योग विशेषज्ञों से भी परामर्श किया जाएगा। विवाद का समाधान होने के बाद, मध्यस्थता सेल के निर्णय को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
जीसीसीआई-एडीआरसी का उद्देश्य सालाना करीब 700-800 मामले सुलझाना है। नियमों को विशेष रूप से कई व्यापार संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है।
इंडस्ट्रीज के एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब ट्रेडर्स और इंडस्ट्रीज कोर्ट नहीं जायेंगी तो वह ना केवल मुकदमे के खर्चों से बचेंगे बल्कि मुकदमें में लगने वाले समय की अनिश्चितता का सामना करने से भी बचेंगे।
यह केंद्र विशेष रूप से एमएसएमई के लिए उपयोगी होगा क्योंकि इसके तहत सभी मामले समय-सीमा और आसान तरीके से हल किये जाएंगे।
जीसीसीआई के उपाध्यक्ष शैलेश पटवारी ने कहा है कि राज्य में लगभग 4.6 लाख एमएसएमई हैं। उद्योगों से संबंधित कुल 1,200 मामले अदालतों में लंबित हैं, जिनमें से अधिकतम एमएसएमई से संबंधित हैं।