टेक्सटाइल एक्सपोटर्स को ‘कॉशन लिस्ट’ में आने का डर, RBI से मांगी मदद


नई दिल्ली।  टेक्सटाइल एक्सपोटर्स को अपना नाम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आबीआई) की कॉशन लिस्टमें न आ जाए। ये बैंकिंग रेग्युलेटर से अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनियों के नाम हटाने की मांग कर हैं क्योंकि नाम आने पर ये एक्सपोर्ट नहीं कर पाएगी। ईडीपीएमएस को करना होगा अपडेट   एक्सपोर्ट डाटा प्रोसेसिंग एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (ईडीपीएमएस) […]


textile-sidculनई दिल्ली।  टेक्सटाइल एक्सपोटर्स को अपना नाम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आबीआई) की कॉशन लिस्टमें न आ जाए। ये बैंकिंग रेग्युलेटर से अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनियों के नाम हटाने की मांग कर हैं क्योंकि नाम आने पर ये एक्सपोर्ट नहीं कर पाएगी।

ईडीपीएमएस को करना होगा अपडेट  

एक्सपोर्ट डाटा प्रोसेसिंग एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (ईडीपीएमएस) को आरबीआई ने बनाया था जिसका काम एक्सपोर्ट बिल पेमेंट को मॉनिटर करना है। ये फरवरी 2014 से सभी बैंक में एक्सपोर्ट से जुड़े शिपिंग बिल को सिस्टम में डालता है। टैक्सप्रोसिल के मुताबिक ज्यादातर शिपिंग बिल्स पर पेमेंट ली जा चुकी है और इससे जुड़े बैंक इलेक्ट्रॉनिक बैंक रिलाइजेशन सर्टिफिकेट जारी कर चुके हैं। ईडीपीएमएस को बैंकों की तरफ से अपडेट करना बाकी है। अब टेक्सटाइल एक्सपोटर्स को 20 अप्रैल की डेडलाइन के बाद अपना नाम कॉशन लिस्टमें आने का डर सता रहा है। जबकि इसमें उनका कोई फॉल्ट नहीं है।

टेक्सटाइल एक्सपोर्ट बॉडी ने आरबीआई से मांगी मदद 

आरबीआई को लिखे लेटर में एपेक्स टेक्सटाइल एक्सपोर्ट बॉडी कॉटन टेक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने सेंट्रलाइज्ड बैंकिंग सिस्टम को पेंडिंग शिपिंग बिल्स की कॉशन लिस्ट बनाने पहले अपडेट करने के लिए कहा है।

टेक्सटाइल एसोसिएशन आरबीआई से अपडेट करने की मांग कर रही है ताकि टेक्सटाइल सेक्टर पर असर न पड़े।

Source: Money Bhaskar

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