अभी है इंटरिम रिपोर्ट
नायडू के कहा कि यह इंटरिम रिपोर्ट है। बाद में फाइनल रिपोर्ट भी आएगी। नायडू ने कहा कि साइबर सिक्युरिटी डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने की राह में एक महत्वपूर्ण दिक्कत है। उन्होंने बताया कि दावोस की यात्रा के दौरान हमने कुछ कंपनियों से इस विषय पर बात की थी। अकेले मास्टर कार्ड के पास ही 23 पेटेंट्स हैं। जल्द ही हम फिंगर प्रिंट बेस्ड आधार इनेबिल्ड पेमेंट मशीनें पेटेंट कराएंगे।
बजट में सिफारिशें लागू होने की उम्मीद
जब नायडू से पूछा गया कि उनकी कमेटी की सिफारिशों को क्या इस बजट में स्थान मिल पाएगा, उन्होंने कहा कि उनको इस बात की पूरी उम्मीद है। इन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेंट से कई लाभ हैं। अभी सबसे बड़ी समस्या करंसी को छापना, उनको एक स्थान से दूसरे पर ले जाना और उनकी सुरक्षा है, जबकि डिजिटल पेमेंट पर ऐसी कोई दिक्कत नहीं है।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने को बनी है समिति
केंद्र सरकार ने हाल ही में डिजिटल पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देने और व्यवस्था को पारदर्शी बनाने सहित फाइनेंशियल इन्क्यलूशन की तरफ रोडमैप बनाने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबु नायडू की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय मुख्यमंत्रियों की एक समिति बनाई थी। इसमें उनके अलावा, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान, सिक्किम के पवनकुमार चामलिंग, पुद्दुचरी के वी नारायणसामी, महाराष्ट्र के देवेंद्र फड़नवीस, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांता दास समिति के सदस्य हैं।
डिजिटल ट्रांजैक्शन में आंध्र सबसे आगे
नायडू ने कहा है कि आंध्र प्रदेश, डिजिटल ट्रांजैक्शन में देश का अव्वल राज्य बन गया है। आंध्र प्रदेश में 41 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजैक्शन होता है, जो देश में सबसे ज़्यादा है।
प्रति दस लाख लेन-देन पर डिजिटल ट्रांजैक्शन
भारत में 1080
सिंगापुर में 31096
यूके में 30078
ब्राजील में 25241
Source: Money Bhaskar