सरकार ने तंगालिया बुनकरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उनके लिए हथकरघा खरीद को सरल बनाने के लिए एक योजना बनायी है।
इस योजना के तहत सरकार सहायता राशि के रुप में हथकरघा खरीद का 90 फीसदी अदा करेगी। यह योजना तंगालिया बुनकरों को प्रत्साहित करने के साथ साथ उनकी परेशानियों को भी कम करेगी।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में तंगालिया बुनकरों के साथ बातचीत के दौरान 19 जनवरी की शाम यह घोषणा की।
बुनकरों की समस्याओं को सुनने के बाद स्मृति ने उनकी परेशानियों को कम करने के लिए एक विशेष एसोसिएशन के गठन की घोषणा भी की। यह समिति पूरी तरह से बुनकरों के हित में कार्य करेगी व उनकी समस्याओं का निदान करेगी।
तंगालिया कढ़ाई की तारीफ करते हुए ईरानी ने कहा कि इस कला को अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॅार्म के माध्यम से बाजार देने की जरुरत है। उन्होंने जिला प्रशासन से इसके लिए उचित व्यवस्था बनाने के लिए अनुरोध किया।
स्मृति ने फैशन डिजाइनरों से अपील की वह फैशनेबल कपड़े बनाने के लिए तंगालिया कला का उपयोग करें और इस कला का विस्तार करें। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की बात करते हुए उन्होंने बुनकरों से इस योजना का लाभ उठाने के लिए भी कहा।
वर्तमान में देशभर में 28 बुनकर सेवा केन्द्र (डब्यूसएससी) कार्य कर रहे हैं, जिनके द्वारा बुनकरों को उनके कौशल सुधार के लिए हथकरघे की तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है। तंगालिया एक हस्तशिल्प कला है जो गुजरात में 700 वर्ष पुरानी बुनाई परंपरा का प्रतीक है। इसमें कच्चे उन का उपयोग होता है।