एमएसएमई मिनिस्ट्री के अंतर्गत कार्यरत खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हनी मिशन और स्किल इंडिया अभियान को गति देने के उद्देश्य से तिहाड़ जेल में 50 युवा कैदियों को मधुमक्खी पालन का 5 दिवसीय प्रशिक्षण दे रहा है।
तिहाड़ के गेट नंबर 5 पे 9 मई से 13 मई तक ये प्रशिक्षण दिया जा रहा है। केवीआईसी जेल में 500 मधुमक्खियों के बॉक्स भी जेल में लगाएगा जिसके जरिये उच्च गुणवत्ता का शहद बनाया जायेगा। इन बॉक्सेस से लगभग 12, 500 किलो शहद और 300 किलो मोम (वैक्स) सालाना पैदा होगा।
मधुमक्खी पालन के साथ-साथ कैदियों को 3 अन्य ट्रेनिंग और दी जा रही हैं जिनमें डिटर्जेंट बनाना, हैण्ड मेड पेपर और सुगंध सामग्री शामिल है।
Beekeeping and 3 other trainings started inTihar jail having inmates of 18 to 21 years of age. @KalrajMishra,@girirajsinghbjp,@BJP4India pic.twitter.com/XOLA1nHlMd
— Chairman KVIC (@ChairmanKvic) May 9, 2017
केवीआईसी अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रेनिंग लेने वाले कैदियों को मधुमक्खी पालन के स्कोप और उसकी उपयोगिता के बारे में बताया जाएगा जिससे कि वे भविष्य में स्व-रोजगार कर सकें।
उन्होंने कहा कि हमने जेल में शहद का उत्पादन करने के मकसद से कैदियों के लिए मधुमक्खी पालन पर पांच दिनों की कार्यशाला का आयोजन किया है। जिसमें 20 से 25 वर्ष के 50 कैदियों को प्रशिक्षिण दिया जा रहा है।
कार्यशाला में कैदियों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि मधुमक्खी पालन किस तरह से किया जाता है। वहीं इससे कार्य से जुड़ी बारीकियों के बारे में भी जानकारी दी गयी। और उन्हें शहद के विपणन से जुड़ी रणनीति से भी अवगत कराया गया है।
तिहाड़ जेल के महानिदेशक कारागार सुधीर यादव ने केवीआईसी की इस पहल के बारे में कहा कि मधुमक्खी पालन का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तिहाड़ जेल के कैदियों के सुधार एवं पुनर्वास कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा की भविष्य में केवीआईसी इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करता रहेगा।