सरकार द्वारा शुरु होने वाली नई टेक्सटाइल पॅालिसी, भारतीय हेंडीक्राफ्ट सेक्टर को नए आयाम देगी और इसकी ग्रोथ में बढ़ोत्तरी करेगी। इसका प्रमुख फोकस हेंडीक्राफ्ट सेक्टर को 3 आयामी द्रष्टिकोण से बढ़ावा देना है। नई पॅालिसी का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे टेक्टाइल कारीगरों की सहायता करना है।
सूत्रों के अनुसार पॅालिसी में इंटीरियर डेकोरेसन और लाइफ स्टाइल के प्रयोग में आने वाले हेंडीक्राफ्ट प्रोडेक्टस की मेन्यूफेक्चरिंग बढ़ाना और क्वालिटी को बेहतर बनाना व इंसेंटिव देना भी शामिल है।
टेक्सटाइल मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया, कि हम आला बाजार के लिए प्रीमियम हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने और लुप्त हो रही शिल्पकला के संरक्षण पर काम कर रहे हैं।
नई नीति का उद्देश्य 2024-25 तक 300 बिलियन अमरीकी डॉलर के वस्त्र का निर्यात करना और 35 मिलियन नौकरियों पैदा करना है। कपड़ा मंत्रालय वर्तमान में राज्यों सहित हितधारकों के साथ परामर्श में व्यस्त है और अपने वित्त समकक्ष के साथ पॉलिसी के वित्तीय पहलू पर काम कर रहा है।
टेक्सटाइल पॅालिसी 2000 का पुनरीक्षण और सुधार करने के लिए अजय शंकर की अध्यक्षता में एक विशेष समिति की स्थापना भी की गयी थी।