नेशनल टेक्सटाइल पॉलिसी का काम अंतिम दौर में, जल्द होगी लॉन्च


वस्त्र मंत्रालय, राष्ट्रीय कपड़ा नीति के दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। इकनॉमिक टाइम्स की एक ख़बर के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पॉलिसी को अगले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। साथ ही सरकार ने तेलंगाना में टेक्सटाइल पार्क के लिए भी काम तेज कर दिया है। […]


textile-parksस्त्र मंत्रालय, राष्ट्रीय कपड़ा नीति के दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है।

इकनॉमिक टाइम्स की एक ख़बर के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पॉलिसी को अगले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। साथ ही सरकार ने तेलंगाना में टेक्सटाइल पार्क के लिए भी काम तेज कर दिया है।

वस्त्र मंत्रालय की एडिशनल सेक्रेटरी पुष्पा सुब्रमण्यम ने कहा है कि केंद्र सरकार को वारंगल में प्रस्तावित वस्त्र पार्क के लिए तेलंगाना सरकार के औपचारिक अनुरोध का इंतजार है, जिससे पार्क के लिए प्रस्तावों को पूरा किया जा सके।

उन्होंने कहा कि हमने टेक्सटाइल पॅालिसी पर हैंडलूम बुनकरों, बड़े निर्माता और हितधारकों के साथ परामर्श किया है।

सुब्रमण्यम ने बताया कि हम टेक्सटाइल्स इंडिया-2017 आयोजन के बाद इस पर काम करेंगे। और प्राप्त सुझावों से नीति पर काम करेंगे। इसके बाद जुलाई में ही इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट पास भेजा जाएगा।

नीति का उद्देश्य 2024-25 तक 300 अरब डॉलर (20 लाख करोड़ रुपये से अधिक) वस्त्र निर्यात के लक्ष्य को पूरा करना है। इसके साथ ही 35 लाख से अधिक नौकरियों को पैदा करना है। 

सरकार के कपड़ा सेक्टर के मेगा इवेंट टेक्सटाइल्स इंडिया-2017 का आयोजन 30 जून से 2 जुलाई तक गुजरात के गांधीनगर में होगा। 

एक सवाल के जवाब में सुब्रमण्यम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित कुछ योजनाओं के बाद जुलाई 2016 से अप्रैल 2017 के बीच भारत के गारमेंट और टेक्सटाइल के निर्यात में सात प्रतिशत वृद्धि हुई है। पिछले साल कुल निर्यात 40 अरब डॉलर था। मंत्रालय ने इस साल निर्यात का लक्ष्य 45 अरब डॉलर रखा है। 

वारंगल में प्रस्तावित वस्त्र पार्क को लेकर उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए कोष में कोई कमी नहीं है।

कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने वारंगल में फैब्रिक टेक्सटाइल पार्क को स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था।

Shriddha Chaturvedi

ख़बरें ही मेरी दुनिया हैं, हाँ मैं पत्रकार हूँ

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