नोटबंदी के बाद MSMEs के लिए लोन और वर्किंग कैपिटल लिमिट बढ़ाई गई | हरिभाई पार्थीभाई चौधरी


केंद्रीय राज्य एमएसएमई मिनिस्टर हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने राज्यसभा द्वारा पूछे गये एक सवाल के लिखित जवाब में कहा है कि सरकार विमुद्रीकरण से एमएसएमई सेक्टर को हुए नुकसान को भरने की निरंतर कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को क्रेडिट गारंटी फंड़ योजना के तहत दिये जाने वाली लोन की सीमा को […]


notebanकेंद्रीय राज्य एमएसएमई मिनिस्टर हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने राज्यसभा द्वारा पूछे गये एक सवाल के लिखित जवाब में कहा है कि सरकार विमुद्रीकरण से एमएसएमई सेक्टर को हुए नुकसान को भरने की निरंतर कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि एमएसएमई को क्रेडिट गारंटी फंड़ योजना के तहत दिये जाने वाली लोन की सीमा को 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ कर दिया गया है।

सीजीटीएमएसई (क्रेडिट गारंटी फंड फॉर माइक्रो एंड स्माल एंटरप्राइज) द्वारा एमएसई (MSE) के लिए कार्यान्वित ऋण गारंटी योजना के तहत ऋण सीमा को बढ़ा दिया गया है। इसके संबंध में उसके सभी सदस्य ऋण संस्थानों (MLIS) के लिए एक परिपत्र भी जारी किया है।

डिपार्टमेंट आफ फाईनेंसियल सर्विस (DFS) द्वारा एमएसएमई सेक्टर की परेशानियों को कम करने के लिए बैंकों को कैश क्रेडिट लिमिट व वर्किंग कैपिटल लिमिट बढ़ाने के लिए भी कहा गया है।

Shriddha Chaturvedi

ख़बरें ही मेरी दुनिया हैं, हाँ मैं पत्रकार हूँ

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