पीएमईजीपी के तहत रोजगार सृजन में आयी 10 फीसदी कमी: एसोचैम


देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्व रोजगार, अतिलघु एवं लघु उद्यमों को बढावा देने के उद्देश्य के साथ वर्ष 2008 में शुरु किये गये प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत रोजगार सृजन में पिछले वर्ष करीब 10 फीसदी की कमी आयी है। उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय […]


PMEGPदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्व रोजगार, अतिलघु एवं लघु उद्यमों को बढावा देने के उद्देश्य के साथ वर्ष 2008 में शुरु किये गये प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत रोजगार सृजन में पिछले वर्ष करीब 10 फीसदी की कमी आयी है।

उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अध्ययन के आधार पर जारी रिपोर्ट के अनुसार पीएमईजीपी के तहत देश भर में वर्ष 2014-15 के दौरान तीन लाख 58 हजार रोजगार का सृजन हुआ जबकि 2015-16 में यह संख्या घटकर तीन लाख 20 हत्रार हो गयी।

इसके अलावा पिछले एक साल में करीब चार हज़ार परियोजनाओं में भी कमी आयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2014-15 में पीएमईजीपी के तहत 48 हज़ार 100 परियोजनायें शुरु की गयीं,जबकि 2015-16 में 44 हत्रार 300 परियोजनाएं ही शुरु की गयीं।

वित्त वर्ष 2015-16 में पीएमईजीपी के तहत सबसे अधिक 43,000 रोजगार का सृजन उत्तर प्रदेश में हुआ लेकिन यह संख्या भी वित्त वर्ष 2014-15 में सृजित 48,600 रोजगार से 11 प्रतिशत से अधिक कम है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, बिहार और ओडिशा में भी यही हाल है।

एसोचैम के महासचिव डी एस रावत के मुताबिक ग्रामीण और शहरी इलाकों में सतत रोजगार के सृजन के लिहाज से पीएमईजीपी एक प्रभावी योजना है लेकिन बैंकों और अन्य संस्थानों को इस कार्यक्रम के लक्ष्य की पूर्ति के लिए संयुक्त प्रयास करने होंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 के मुकाबले 2015-16 में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट के तहत अनुमोदित प्रस्तावों की संख्या में बढोतरी दर्ज की गयी और इनकी संख्या चार लाख से बढ़कर 5.1 लाख हो गयी। हालांकि इस योजना के तहत अनुमोदित राशि में मात्र एक साल के दौरान छह फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी। वित्त वर्ष 2014-15 में कुल 21,200 करोड़ रुपये की राशि अनुमोदित की गयी थी लेकिन 2015-16 में यह घटकर 19,900 करोड़ रुपये हो गयी।

सरकारी आंकडों के अनुसार 2015-16 के दौरान पीएमईजीपी के तहत 13 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में रोजगार सृजन में कमी आयी। गुजरात, आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल तथा अंडमान निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप में रोजगार सृजन घटा है। लक्षद्वीप में इस कार्यक्रम के तहत 2014-15 के दौरान कुल 93 रोजगार का सृजन हुआ था लेकिन 2015-16 में एक भी रोजगार सृजित नहीं हुआ।

आलोच्य वित्त वर्ष में बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, गोवा, हरियाणा, झारखंड, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा और चंडीगढ़,दिल्ली और पुड्डुचेरी में रोजगार सृजन की संख्या बढी है।

एसोचैम का कहना है कि मार्केटिग असिस्टेंस एंड टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन कार्यक्रम से लाभांन्वित होने वाले एमएसएमई की संख्या 2014-15 के 359 से घटकर 2015-16 में 303 रह गयी है।

उद्यमी विकास कार्यक्रम योजना के तहत प्रशिक्षित किये जाने वाले प्रशिक्षुओं की संख्या भी वित्त वर्ष 2014-15 के 1.4 लाख से अधिक के आंकड़े से घटकर 2015-16 में करीब 66,000 रह गयी। वित्त वर्ष 2015-16 में क्रेडिट लिक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना से जुड़े एमएसएमई की संख्या भी इससे पिछले वित्त वर्ष के 7,200 के आंकड़े से घटकर 5,000 हो गयी। आलोच्य अवधि में सब्सिडी के तहत जारी राशि में भी 28 फीसदी से अधिक की कमी दर्ज की गयी।

दूसरी ओर, समीक्षाधीन वित्त वर्ष में इंक्यूबेटर्स ने एसएमई के उद्यम विकास के हिस्से के रुप में कुल 145 नये विचारों को अनुमोदित किया जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह संख्या 143 थी। इसी तरह बौद्धिक संपदा फैसिलिटेशन सेंटर्स (आईपीएफसी) ने भी कुल 69 कार्यक्रमों का आयोजन किया जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 21 रहा था।

Source: Punjab Kesari

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