फैबइंडिया पर खादी ब्रांड का इस्तेमाल का आरोप, KVIC ने भेजा लीगल नोटिस


नई दिल्‍ली: खादी इंडिया ने एथनिक वीयर रिटेल आउटलेट चेन फैबइंडिया को लीगल नोटिस भेजा है। खादी इंडिया का आरोप है कि फैबइंडिया अपने कॉटन प्रोडक्‍ट्स की बिक्री उसके रजिस्‍टर्ड ब्रांड ‘खादी’ के नाम से कर रही है, जो कि सही नहीं है। बता दें कि ‘खादी इंडिया’ खादी एंड विलेज इंडस्‍ट्रीज कमिशन (केवीआईसी) का […]


KVIC-22नई दिल्‍ली: खादी इंडिया ने एथनिक वीयर रिटेल आउटलेट चेन फैबइंडिया को लीगल नोटिस भेजा है। खादी इंडिया का आरोप है कि फैबइंडिया अपने कॉटन प्रोडक्‍ट्स की बिक्री उसके रजिस्‍टर्ड ब्रांड ‘खादी’ के नाम से कर रही है, जो कि सही नहीं है। बता दें कि ‘खादी इंडिया’ खादी एंड विलेज इंडस्‍ट्रीज कमिशन (केवीआईसी) का रजिस्‍टर्ड ब्रांड है।

पहले दी गई थी वॉर्निंग

केवीआईसी का कहना है कि पहले दी गई चेतावनी और एश्योरेंस के बाजवूद खादीकी स्टाइल और नाम से कपड़ों की लगातार बिक्री इलीगल है। केवीआईसी ने फैबइंडिया ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड को भेजे लीगल नोटिस में अपने सभी कॉटन प्रोडक्ट्स से तत्काल खादी शब्द हटाने और उसका इस्तेमाल बंद करने को कहा है। केवीआईसी ने यह भी कहा है कि फैब इंडिया अपने सभी शोरूम से खादी नाम के सभी डिस्प्ले बैनर तुरंत हटाए।

केवीआईसी का कहना है कि यह खादी इंडियाब्रांड नाम का इलीगल इस्तेमाल है और इससे कंज्यूमर गुमराह होता है।

KVIC माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेस मिनिस्ट्री के तहत काम करने वाली ऑटोनमस बॉडी है

8 फरवरी को भेजा गया नोटिस

केवीआईसी की ओर से 8 फरवरी को दिल्ली बेस्ड कंपनी फैबइंडिया के सीईओ के नाम नोटिस भेजा कहा गया है।

इसमें कहा गया है, नोटिस मिलने के 15 दिन में आप इस मामले में अपनी सफाई पेश करें।

ऐसा न करने पर केवीआईसी खादी मार्क रेग्युलेशन को न मानने या अचानक हुए नुकसान के लिए कानूनी कार्रवाई करेगा।

नोटिस के अनुसार, फैबइंडिया ने खादी मार्क इस्तेमाल करने के लिए कोई भी औपचारिकता पूरी नहीं की है। इस बारे में कंपनी रिप्रजेंटेटिव्स से बात भी की जा चुकी है।

नोटिस में दावा किया गया है कि फैबइंडिया की ओर से लिखित में दिया गया, फिर भी वह खादी के नाम से अपने आउटलेट्स पर रेडीमेड कपड़े बेच रही है।

उसके आउटलेट्स में खादी डिस्ले को प्रॉमिनेंट जगह पर लगाया हुआ है

क्या कहते हैं KVIC चेयरमैन?

केवीआईसी के चेयरमैन वीके सक्सेना ने कहा कि यह गांव के बुनकरों के फायदे से जुड़ा मामला है।

सक्सेना ने बताया कि पहले भी कई बड़ी कंपनियों के खिलाफ इस तरह के मामले में कार्रवाई की गई।

खादी के लिए बना है कानून

वीके सक्सेना के मुताबिक, खादी मार्क रेग्युलेशंस 2003 और खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन एक्ट 1956 के तहत, भारत में खादी और खादी प्रोडक्ट्स का कारोबार या बिक्री और प्रोडक्शन को रेग्युलेट किया गया है।

इसके तहत केसीआईसी की ओर से जारी खादी मार्क के लेबल या टैग के बिना किसी भी टेक्सटाइल की खादी प्रोडक्ट्स के रूप में ट्रेड या बिक्री नहीं जा सकती है।

Source: money.bhaskar

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