पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि राज्य ने पूरे देश में पिछले पांच सालों में एमएसएमई को कर्ज देने की दिशा में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। यह रकम 15 बिलियन यूएस डॅालर है।
सरकार का कहना है की अब उसका लक्ष्य वैश्विक निवेशकों के बीच एमएसएमई क्षेत्र के इस विकास को दिखाना है।
सरकार ने कहा है कि हम 20 – 21 जनवरी को आयोजित होने जा रहे बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (BGBS) के तीसरे संस्करण में इसके सफल ग्राफ के साथ तैयार हैं।
पूरे देश में एमएसएमई उद्यमों की संख्या के मामले पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर है। राज्य में लगभग 3.7 मिलियन उद्यम व्यापार कर रहे है।
बंगाल के एमएसएमई क्षेत्र में लोगों की भागीदारी भारतीय और विदेशी निवेशकों के बीच गर्व करने की बात है। राज्य, एमएसएमई के क्षेत्र में 8.6 लाख लोगों को रोजगार देने के साथ पुरे देश में दूसरे स्थान पर है।
बंगाल एमएसएमई का साल 2014-15 में ग्रोथ रेट 8 फीसदी है जो लगातार बढ़ रहा है जिसका राज्य की ग्रास वैल्यू एडेड़ (GVA) में 19 प्रतिशत योगदान है।
बंगाल सरकार ने एसएमई की विकास गति में तेजी लाने के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड (पूंजी) की घोषण की है। साथ ही सिंगल विंडो सिस्टम को उद्यमों से जोड़ने के लिए हर जिले में एमएसएमई फैलीसिटेशन केन्द्रों (MSME Facilitation Centres) की स्थापना की है।
“माइक्रो व्यापार क्रेडिट कार्ड योजना” को पहले से ही सरकार की ओर से एमएसएमई उद्यमियों की मदद के लिए शुरू किया गया है। इसके लिए सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के सहयोग से $30 मिलियन का फंड भी बनाया है।
राज्य के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि हमने राज्य में लोगों द्वारा एमएसएमई इकाइयों को खोलने के लिए “माईएंटरप्राइसवेब” (myEnterpriseweb) नाम से एक पोर्टल की स्थापना भी की है।
सरकार ने 331 नए एमएसएमई क्लस्टरों का निर्माण किया है जो एक बड़ी उपलब्धि है। बंगाल में एमएसएमई का बाजार मूल्य $ 5.9 बिलियन यूएस डॅालर है।